बड़ी कंपनियों में लाखों के सैलरी वाली जॉब छोड़ गांव का विकास कर रहे बिहार के ये युवा

खबरें बिहार की

आंत्रेप्रेन्योर की दौड़ में बिहार के युवा भी देश के विकास के लिए नए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। इस दिशा में समस्तीपुर के युवा दंपति राहुल सिन्हा-श्वेता और मधुबनी के यदुवेंद्र किशोर सिंह मल्टीनेशनल कंपनियों के लाखों के ऑफर ठुकरा कर मत्स्य पालन और समेकित खेती करने लगे हैं।

अपने काम के माध्यम से जहां एक ओर उन्हें बीस से पच्चीस लाख रुपए तक खुद की सालाना कमाई हो रही है, वहीं उनके काम-काज में हाथ बंटा रहे तमाम लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
समय बदल रहा है। सबकुछ अब पहले जैसा नहीं रहा। वो बीते दिनों की बातें हो गईं, कि लोग रोजी-रोटी की तलाश में गाँव छोड़ कर शहरों की ओर चल पड़े हैं, क्योंकि अब तो लोग शहर छोड़ कर गाँवों की ओर लौट रहे हैं।

वो भी सिर्फ इसलिए ताकि स्वयं की मजबूती के साथ-साथ एक सामाजिक प्राणी होने के नाते अपने समाज के लिए भी कुछ कर पायें। इसी सोच के साथ चलने वाले लोगों में राहुल-श्वेता और यदुवेंद्र।

समस्तीपुर के एमबीए राहुल सिन्हा और श्वेता का कहना है कि पटना और मुंबई में तकनीकी पढ़ाई पूरी करने बाद दोनो का लक्ष्य मत्स्य पालन और समेकित खेती था। वर्ष 2009 में शादी के बाद श्वेता मुंबई छोड़कर बिहार नहीं आना चाहती थीं।

किसी तरह समझाबुझा कर आपसी समझ के चलते राहुल और श्वेता वर्ष 2012 में समस्तीपुर लौटे और अपना लक्ष्य हासिल करने में जुट गए। सबसे पहले इंटरनेट पर मत्स्य पालन से संबंधित तमाम तरह की जानकारियां सर्च कीं। इसके बाद आईसीएआर, पटना और पंतनगर, उत्तराखंड में मत्स्य पालन का प्रशिक्षण लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *