पटना: ‘कबाब मंत्री’ के रूप में कुख्यात राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के आवामी को-ऑपरेटिव बैंक में नोटबंदी के बाद 10 लाख रुपये जमा कराने के मामले में राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ की। इससे यह साफ हो गया है कि आखिर राबड़ी-तेजस्वी नोटबंदी का क्यों विरोध कर रहे थे।
यह बातें बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि तेजस्वी परिवार के संरक्षण में दुधारू गाय के रूप में फलने-फूलने वाले है। इस बैंक के जरिए कालेधन को सफेद करने के एवज में राजद ने अनवर अहमद को एमएलसी तक बनाया। लालू प्रसाद (बैंक खाता संख्या-6040) और राबड़ी देवी (बैंक खाता संख्या-6851) के अलावा शायद ही किसी अन्य दल के राजनेताओं का आवामी को-ऑपरेटिव बैंक में खाता होगा क्योंकि आमतौर पर लोग राष्ट्रीयकृत व बड़े बैंकों में ही खाता रखते हैं।
तेजस्वी यादव बताएं कि नोटबंदी के बाद आवामी को-ऑपरेटिव बैंक में राबड़ी देवी ने बड़े पैमाने पर 500 व 1000 के नोट क्यों जमा कराए? फिर कुछ ही दिनों के बाद चेक के जरिए जमा राशि क्यों निकाल ली गई? जिस डिलाइट कम्पनी का 750 करोड़ का पटना में मॉल बन रहा था नोटबंदी के चार दिन बाद ही उसका नाम बदल कर ‘लारा’ क्यों कर दिया गया?
बता दें कि नोटबंदी के बाद आवामी को-ऑपरेटिव बैंक में मजदूरों व कर्मियों के नाम पर 41 फर्जी खाते खोल कर 70 लाख 46 हजार रुपये के पुराने नोट जमा कराये गए। जांच के बाद सीबीआई ने बैंक के चैयरमैन अनवर अहमद के बेटे व बैंक के निदेशक अरशद अहमद तथा उनके स्कूल मदर इंटरनेशनल एकेडमी की प्रचार्य सुप्रीया चटर्जी को कालेधन को सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
Source : etv bihar