चारा घोटाला मामले की सुनवाई के लिए राजद अध्यक्ष Lalu यादव गुरुवार की सुबह 11 बजे ही कोर्ट में हाजिर हो गए। इस दौरान कोर्ट में चारा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में सुनवाई जारी थी, तो कोर्ट ने लालू प्रसाद के अधिवक्ता को सेकेंड हॉफ में आने को कहा।
दोपहर 2 बजे लालू फिर कोर्ट में हाजिर हुए। इस दौरान डीजी सुनील कुमार की गवाही हुई। गवाही के बाद लालू खड़े हुए और दोनों हाथ जोड़ते हुए जज शिवपाल सिंह से कहा- हुजूर मेरा पटना से रांची आने का सिलसिला कब तक जारी रहेगा।
इस पर जज शिवपाल सिंह ने कहा- आपको तो शुरू में ही कह दिया गया है कि जिस दिन आपके गवाह की गवाही होगी, उस दिन आपको कोर्ट में हाजिर रहना है। इसके बाद Lalu ने कहा- हुजूर आप तो मेरे समधी लगिएगा, तनी देख लीजिएगा। जज ने उन्हें इशारे से बाहर जाने को कहा।
चारा घोटाला के एक मामले में गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इसमें बिहार के डीजी (बिल्डिंग निर्माण) सुनील कुमार की गवाही हुई। डीजी ने कोर्ट को बताया कि 29 जुलाई 1997 को वारंट की प्रति लेकर वे लालू प्रसाद को गिरफ्तार करने खुद मुख्यमंत्री आवास गए थे। विधि व्यवस्था बिगड़ने की आशंका से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।
लालू प्रसाद ने 30 जुलाई को कोर्ट जाकर सरेंडर कर दिया। मालूम हो कि डीजी सुनील कुमार Lalu प्रसाद के बचाव गवाह में नामित हैं। लेकिन उनकी गवाही की प्रक्रिया में लालू प्रसाद के वकील ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया।
इससे पहले उन्होंने अदालत के समक्ष दो अलग-अलग आवेदन देकर अनुरोध किया कि अपने मुवक्किल की ओर से वे बचाव गवाह कोर्ट में पेश नहीं करेंगे। इस कोर्ट से अपना मामला ट्रांसफर कराने के लिए उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर 18 अगस्त को सुनवाई होगी। इसलिए तब तक बचाव गवाह नहीं ला पाएंगे।
अदालत ने आवेदन पर सुनवाई करने के बाद निर्देश दिया कि गवाही प्रक्रिया जारी रहेगी। आप बचाव मे अपना गवाह प्रस्तुत करते रहें, जब तक कि स्थगन आदेश नहीं जाता। मामले में आज भी सुनवाई होगी।