लाल डायरी में दर्ज नंबरों से कई चेहरे होंगे बेनकाब, दोस्‍त और रिश्‍तेदार बनकर आते थे ग्राहक

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बिहार की राजधानी पटना में हवाई अड्डा थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ कॉलोनी स्थित लव-कुश अपार्टमेंट के ब्लॉक बी का फ्लैट संख्या 108 जिश्मफरोशी का अड्डा बन गया था। सौदा तय होने पर ज्यादातर यहीं पर रातें रंगीन होती थीं। ग्राहकों के बुलावे पर गिरोह में फंसी युवतियों को होटलों व अन्य ठिकानों पर भेजा जाता था।

पुलिस ने यह खुलासा सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करके किया है। गिरोह की संचालिका दानापुर की सुमन व सिफानी ने पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी दी है। वहीं, जेल भेजे गए आरोपित अंकित, गुड्डू कुरैशी व धनंजय गिरि के कब्जे से मिली लाल डायरी में पुलिस को सौ से अधिक संदिग्धों के नंबर मिले हैं। इनमें ज्यादातर नंबर बंद मिले हैं। सीडीआर से पुलिस उक्त नंबरों को खंगालकर ऐसे कई लोगों के चेहरे बेनकाब करने के प्रयास में जुटी है, जो जिश्मफरोशी के अड्डे पर रातें रंगीन करने के आदी बन गए थे।

दोस्त और रिश्तेदार बनकर आते थे ग्राहक

अपार्टमेंट में रहनेवाले लोगों को सेक्स रैकेट के बारे में किसी तरह का शक न हो, इसके लिए आरोपित बेहद सावधानी बरतते थे। अपार्टमेंट में दाखिल होने के बाद ग्राहक अपने को सुमन का रिश्तेदार व दोस्त बताते थे। ऐसे में उन्हें फ्लैट में दाखिल होने की इजाजत मिल जाती थी।

 

आरोपितों का खंगाला जा रहा आपराधिक इतिहास

सेक्स रैकेट में जेल गए अंकित, गुड्डू कुरैशी व धनंजय गिरि का आपराधिक इतिहास खंगालने में पुलिस जुटी है, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका है

 

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