पीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए कई बार लोग कई साल लगा देते हैं। और पहली एग्जाम पास करने वाले भी दिन रात बस तैयारी में ही लगे रहते हैं। पहली बार में पीएससी निकालना आसान नहीं होता। हालांकि मेहनत करने वालों को फल अच्छा ही मिलता है। लेकिन यह सब उन लोगों के लिए आसान होता है जिनका पूरा का पूरा ध्यान पढ़ाई की ओर ही होता है। लेकिन एक मजदूर के लिए यह कितना मुश्किल होगा इसका अंदाजा आप भी लगा सकते हैं। केरल के इडुक्की की रहने वाली सेल्वाकुमारी एस अपनी मां के साथ पौधे लगाने का काम करती हैं। उन्होंने यह टेस्ट क्लीयर किया है और वो भी पहली बार में।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वो छोटूपुरान गांव के वांडीपेरियार की रहने वाली हैं। वो अपनी मां के साथ कई वर्षों से इलायची के खेतों में काम करती हैं। उनके पिता उनकी मां और परिवार को छोड़कर चले गए थे। सेल्वा की दो और बहनें भी हैं जिनकी शादी हो चुकी है। मां को जब जरूरत होती है तो बेटियां मां की मदद करती हैं।
वो जब भी छुट्टियों में अपनी मां के पास आती तो उनकी मदद करने के लिए खेतों में काम करवाती। आज भी उनकी मां और दादी इस गांव में एक साथ एक छोटे से घर में रहती हैं। इतनी मुश्किल होने के बाद भी सेल्वा कुमारा ने फर्स्ट रैंक से एमफील पास किया है।
इसके बाद उन्हें सरकारी नौकरी मिल गई। तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने गणित से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनका कॉलेज तिरुवनन्तपुरम में था। जब उनके साथ पढ़ते दोस्त उनके सही से मलयालम भाषा ना बोलने पर तंज कसते थे, आज वही सेल्वा पीएससी क्लीयर कर चुकी हैं। उनकी यह उपलब्धि बताती है कि करने वाले सब कुछ कर जाते हैं, बोलने वाले बस दूसरों को बोलते रह जाते हैं। सेल्वा उन लोगों के लिए मिसाल हैं जो आगे बढ़ना चाहते हैं।