पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) के बाद मशहूर गायक केके उर्फ कृष्णकुमार कुन्नत (KK aka Krishnakumar Kunnath) की मौत ने फैंस से लेकर सिलेब्रिटीज तक को बड़ा झटका दिया है। 53 साल के मशहूर गायक केके अपने दो दिन के कॉन्सर्ट के लिए कोलकाता आए हुए थे। करीब एक घंटे तक गाने के बाद जब केके वापस अपने होटल पहुंचे तो वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि गायक को तबीयत खराब होते ही एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिलहाल अभी तक केके की मौत की असल वजह (KK death reason) तो सामने नहीं आई है, लेकिन शुरुआती जानकारी में कहा जा रहा है कि केके की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। बात दें, इससे पहले भी सिद्धार्थ शुक्ला, मंदिरा बेदी के पति राज कौशल की मौत के पीछे भी हार्ट अटैक को ही वजह बताया जा रहा था। ऐसे में आइए जानते हैं क्या हैं हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर और वो मुख्य कारण जो युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारी के लिए जिम्मेदार बन रहे हैं
क्या होता है हार्ट अटैक-
हार्ट अटैक एक ब्लड सर्कुलेशन प्रॉब्लम है। जब हार्ट मसल्स तक ब्लड सर्कुलेशन ब्लॉक हो जाता है या ठीक से नहीं पहुंचता या लंबे समय तक इसकी सप्लाई नहीं होती तो हार्ट मसल्स डैमेज हो जाती हैं।
हार्ट अटैक अधिकत्तर आट्रीज में प्लैक के निर्माण के कारण पड़ता है। ये प्लैक ब्लड में फैट, कैल्शियम और अन्य पदार्थों के साथ कोलेस्ट्रॉल का संयोजन होता है। ये सभी एलीमेंट्स प्लैक को सख्त बना देते हैं जिससे प्लैक टूट जाता है और ब्लड क्लोटिंग होने लगती है। ब्लड क्लोटिंग का स्तर बढ़ने पर आट्रीज़ में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है।
हार्ट अटैक का किन लोगों को अधिक खतरा-
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बना रहता है, जिनके परिवार में पहले किसी को हार्ट अटैक आ चुका हो, जिनका कोलस्ट्रॉल हाई रहता हो, ब्लड प्रेशर हाई रहता हो, जो कम व्यायाम करते हो, सिगरेट, स्मोकिंग करते हो
क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट-
जब व्यक्ति का हार्ट पंपिंग करना बंद कर देता है, बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है और व्यक्ति सामान्य तरीके से सांस नहीं ले पाता तो कार्डिएक अरेस्ट यानि हार्ट फेल हो जाता है। मेडिकल के शब्दों में इसे इलेक्ट्रिक कंडक्टिंग सिस्टम का फेल होना कहा जाता है। सामान्य रूप से कार्डिएक अरेस्ट अचानक होता है और बॉडी कोई पूर्व चेतावनी भी नहीं देती है। 30 साल की उम्र के बाद ऐसिडिटी या अस्थमा के दौरे इसका संकेत हैं।
हालांकि अगर 10 मिनट के अंदर मेडिकल सुविधा मिल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। इसमें दिल और सांस रुक जाने के बावजूद दिमाग जिंदा होता है। जिस शख्स को पहले हार्ट अटैक पड़ चुका है, उसे कार्डिएक अरेस्ट होने की आशंका बहुत अधिक होती है।
कार्डियोलॉजिस्ट मुंबई के नानावती सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्यरत सलील शिरोडकर के अनुसार कार्डिएक अरेस्ट वो स्थिति है, जिसमें हार्ट की ब्लड को पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। हार्ट अटैक दूसरी अवस्था होती है। इसमें कोरोनरी धमनी में ब्लड जम जाता है। हार्ट के मांसपेशियों को ब्लड की आपूर्ति बंद हो जाती है या बुरी तरह कम हो जाती है। हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों में ही इमरजेंसी सिचुएशन होती है।
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज-
– 30 सेकंड से ज्यादा छाती में होने वाला दर्द
– छाती के बीचोंबीच भारीपन
– हल्की जकड़न या जलन
– थकावट के समय जबड़े में होने वाला दर्द
– सुबह छाती में होने वाली बेचैनी
– थकावट के समय सांस का फूलना
– छाती से बाईं बाजू और पीठ की ओर जाने वाले दर्द
– बिना वजह आने वाले पसीना और थकावट
किसी भी उम्र में हो सकती है दिल की बीमारी-
दिल की बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। हार्ट अटैक के विभिन्न कारण होते हैं। हाई लिपिड प्रोफाइल, विशेषकर हाई कलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी के खतरनाक कारणों में से एक है। इसके अतिरिक्त हाइपरटेंशन और डायबीटीज के रोगियों को यह बीमारी हो सकती है। इसमें अनुवांशिक होना भी एक कारण हो सकता है।
दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने के उपाय-
-कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थिति से बचाव करने के लिए सबसे पहले एक अच्छे लाइफस्टाइल को अपनाएं।
-मधुमेह, उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया जैसी बीमारियों वाले लोगों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
-धूम्रपान न करें।
-इसके अलावा आहार में वसा और चीनी कम लें।
-नियमित रूप से व्यायाम करें।