केंद्रीय टीम ने पटना की साफ-सफाई का आकलन शुरू कर दिया है। इसे लेकर पटना नगर निगम कर्मी अलर्ट पर हैं। केंद्रीय टीम के सदस्य पाटलिपुत्र अंचल में सफाई जांच करते देखे गए।
टीम के दौरे की सूचना स्थानीय अधिकारियों को नहीं दी गई है। ऐसे में, निगम अधिकारी टीम के पीछे नजर आ रहे हैं। उन्हें पता नहीं चल रहा कि केंद्रीय टीम किस क्षेत्र में भ्रमण कर रही है।
पटना शहर कितना साफ?
केंद्रीय टीम के सदस्य आम लोगों से स्वच्छता पर सवाल भी पूछ रहे हैं। टीम देख रही है कि पटना शहर कितना साफ है। किस तरह कचरा संग्रह किया जा रहा है। घर, बाजार और दुकानों में किस तरह स्वच्छता रखी जा रही है। कचरे का निस्तारण पटना में किस तरह से किया जा रहा है।
केंद्रीय टीम का मुख्य ध्यान घर-घर से कचरा उठाव और अंतिम स्थल पर इसके निस्तारण पर है। टीम के सदस्य शहर के शौचालयों की स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
शहर को चकाचक रखने का निर्देश
पटना नगर निगम ने अपने शहर का डाटा प्रस्तुत किया है। बताया गया है कि किस स्थान पर क्या हो रहा है। सब कुछ गुगल मैप पर है। दावे के आधार पर केंद्रीय टीम स्थल निरीक्षण करेगी।
बताते चलें कि पटना नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में 38वें स्थान पर था। निगम प्रयास कर रहा है कि इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना देश के पहले दस शहरों में आ जाए।
सर्वे के आधार पर पटना की रैंकिंग तय होगी। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने निगम कर्मियों को शहर को चकाचक रखने का निर्देश दिया है। रैंकिंग तय करने में शहर के नागरिकों की भी अहम भूमिका है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में 90 हजार लोगों ने दिया फीडबैक
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के तहत शहरवासी अपना फीडबैक दे रहे हैं। अब तक 90 हजार लोगों ने फीडबैक दिया है। पटना की स्वच्छता रैंकिंग बढ़ाने के लिए https://sbmurban.org/feedback पर स्थानीय नागरिक फीडबैक दे रहे हैं। गीला-सूखा कचरा अलग-अलग डोर टू डोर वाहन में डलवाया जा रहा है।