किचन के डिब्बे में मिला ढाई महीने की बच्ची का शव, पिता के आंख लगते ही बिस्तर से गायब हो गई थी मासूम

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पटना के कदमकुआं में अमानवीयता की सारी हदें पार करने की घटना सामने आई है। कदमकुआं में ढाई माह की दुधमुंही बच्ची की हत्या कर हत्यारे ने शव को डिब्बे में बंद कर किचन में रख दिया था। पुलिस ने डालडा के डिब्बे से मासूम का शव बरामद किया।

जानकारी के अनुसार, कदमकुआं थाने के काजीपुर मोहल्ला रोड नंबर-2 में अंडा बेचने वाले भरत की ढाई महीने की बेटी नैंसी बुधवार की सुबह पिता के बिस्तर से गायब हो गई थी। पिता ने बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस को दी। गुमशुदगी की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने घर के किचन में रखे डालडा (वनस्पति) के डब्बे में लाश बरामद की।

प्राथमिक जांच में बच्ची की हत्या कपड़े के नाड़ा से गला घोंटकर करने की बात सामने आई है। पुलिस ने बच्ची के गले में बंधे नाड़े को साक्ष्य के रूप में जब्त कर लिया है। वहीं, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पिता के साथ खेल रही थी, बिस्तर से हो गई गायब

बच्ची के पिता भरत ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब पांच बजे उसकी बेटी नैंसी उनके बिस्तर पर ही खेल रही थी। थोड़ी देर के लिए आंख लग गई थी। उसकी मां घर में ही कुछ काम करने लगी। कुछ देर बाद आंख खुलने पर पता चला कि बच्ची बिस्तर पर नहीं है। पति-पत्नी बच्ची को खोजने लगे, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आई।

परिजनों ने बताया कि घर में बच्ची के रोने की आवाज भी सुनाई नहीं दी। परिजनों ने बुधवार दोपहर करीब एक बजे बच्ची के घर से गुम होने की सूचना कदमकुआं पुलिस को दी।

घर से शुरू हुई खोजबीन, पुलिस रह गई दंग

भरत जिस मकान में रहने हैं, उसमें आठ से दस परिवार किराये पर रहते हैं। पुलिस ने उनके घर के किचेन की जांच की तो एक डब्बा में डालडा वनस्पति के डिब्बे में बच्ची का शव मिला। बच्ची को देखते हुए पुलिस समझ गई कि उसकी मौत हो चुकी है। फिर उसे डिब्बे से बाहर निकाला गया।

शव को गोद में लेकर बरामदा में बैठ गया पिता

पुलिस को दो कपड़े का नाड़ा मिला है, जिससे बच्ची की गला घोंटकर हत्या की बात सामने आ रही है। पुलिस के समक्ष सवाल है कि आखिर घर में कौन आया था? जिसने बच्ची की हत्या कर दी और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पुलिस घर के सभी सदस्य से लेकर उस मकान में रहने वालों से पूछताछ कर रही है।

इधर, बच्ची का शव डिब्बे से बाहर निकाले जाने के पिता की आंखों के सामने अंधेरा छा गया। वह शव को गोद में लेकर घर के बाहर बरामदा में बैठ गए। मां का रो-रोकर बुरा हाल है।

 

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