किसान की बेटी ने पहले प्रयास में BPSC में लहराया परचम, ऑडिटर बन पंचायती राज विभाग में देगी सेवा

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कोसी क्षेत्र की बेटियां भी अब खूब कमाल कर रही हैं. बड़ी से बड़ी परीक्षा में यहां की बेटियां भी परचम लहरा रही हैं. यही कारण है कि हर साल कठिन से कठिन परीक्षाओं में यहां की बेटियां सफलता के झंडे गाड़ रही हैं. इसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है सहरसा की रहने वाली ऋतुकुमारी का. महज 25 साल में ही BPSC की पंचायती राज ऑडिटर की परीक्षा में ऋतु को सफलता मिली है. ऋतु को 305वां रैंक मिला है.

इसके बाद से उसके गांव में हर्ष का माहौल बना हुआ है. ऋतुसहरसा जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के पछगछिया वार्ड-14 की रहने वाली है. ऋतु के पिता एक किसान हैं और खेती-बाड़ी कर अपनी बेटी को पढ़ाकर इस मुकाम तक पहुंचाया है. ऋतु बताती है है कि गांव के ही प्रियवत उच्च विद्यालय से उन्होंने दसवीं और 12वीं की परीक्षा पास की थी. उसके बाद सहरसा के रमेश झा महिला कॉलेज से इकोनॉमिक्स से स्नातक और एमएलटी कॉलेज सहरसा से पोस्ट ग्रेजुएट किया. इसके बाद तैयारी करने दिल्ली चली गई.

बेटी की सफलता पर पिता को है गर्व
रितु ने बताया कि बीपीएससी द्वारा पंचायती राज विभाग में ऑडिटर पद के लिए 373 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 67/2020 निकाला गया था. उक्त परीक्षा में वह पहली बार शामिल हुई थी और प्रथम प्रयास में यह सफलता उन्हें मिली है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, दादा-दादी और अपने चाचा को दिया. उन्होंने यह भी बताया कि परिवार के सभी सदस्य हमेशा मेरे मनोबल को मजबूती प्रदान करते रहे. इस कारण से प्रथम प्रयास में ही यह सफलता मिल गई.रितु के पिता विनय कुमार झा बताते हैं कि वह एक किसान हैं. खेती से ही उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ा लिखा कर इस मुकाम तक पहुंचाया है. बेटी की सफलता पर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है.

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