बीपीएससी ने सहायक निदेशक सह डीपीआरओ का रिजल्ट घोषित कर दिया है. इसमें गया जिले के गुरुआ प्रखंड क्षेत्र के नसेर गांव के रहने वाले रंजीत रंजन ने सफलता हासिल की है. रंजीत रंजन की प्रारंभिक शिक्षा गुरुआ से ही हुई है. उन्होंने दूरदर्शन में चार साल काम किया. फिर नौकरी छोड़ घर आकर समाज सेवा में जुड़ गए. वहां पर ऐतिहासिक धरोहरो के संरक्षण का बीड़ा उठाया. बता दें कि रंजीत कोलकाता से मीडिया साइंस में स्नातक, फिर 2011 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन (IIMC) से रेडियो व टीवी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा किया.
जानिए इनका सफर
रंजीत ने बताया की पीजी डिप्लोमा पूरा होने के बाद मेरा प्लेसमेंट दूरदर्शन चैनल में हो गया. यहां पर 4 वर्ष तक काम किया. 2016 में दूरदर्शन की नौकरी छोड़ दी और वापस अपने गांव पहुंचकर स्वतंत्र पत्रकारिता तथा समाज सेवा से जुड़ गए. पिछले 6 साल से गुरुआ में ही एक संस्था चला रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के अलावे गुरुआ में मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का बीड़ा उठाया. इससे इन्हें पूरे जिले तथा राज्य में अलग पहचान बनी.
किसान परिवार से रखते हैं ताल्लुक
रंजीत रंजन मूल रूप से किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और अब इनका चयन सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी के लिए हुआ है. डीपीआरओ पद पर चयनित होने पर रंजीत रंजन बेहद खुश है और इनका मानना है कि जहां भी काम करेंगे पूरे निष्ठा और ईमानदारी के साथ करेंगे.