बिहार के सीतामढ़ी निवासी आईएएस केशवेंद्र कुमार ने केरल में कमाल कर दिया। वार पर वार कर मंत्रियों और बिल्डरों के गठजोड़ को तहस-नहस कर डाला।
केशवेंद्र इस समय केरल के वायनाड जिले के कलेक्टर हैं, यह जिला पहाड़ पर बसा है। दरअसल सदाबहार वनों से लैस केरल के वायनाड की खूबसूरत वादियों पर जब बिल्डर्स की नजर गड़ी तो पहाड़ मिटने लगे। होटल-रिसॉर्ट के निर्माण से हरे-भरे पेड़ों की कटाई होने लगी तो पहाड़ों की छंटाई। कंक्रीट की बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं सीना ताने खड़ी होकर पहाड़ों को मुंह चिढ़ाने लगीं तो पर्यावरणीय स्थिरता को चुनौती मिलने से भूस्खलन, भूकंप का खतरा छा गया।
कवि हृदय केशवेंद्र ने पहाड़ के इस दर्द शिद्दत से न केवल महसूस किया, बल्कि मंत्रियों के दबाव को दरकिनार कर सख्त फैसला लेकर जून में पहाड़ों को मिटने से बचाने की पहल की। खास बात है रही कि भ्रष्ट मंत्रियों व बिल्डर गठजोड़ के दबाव में पिछले साल यूडीएफ सरकार ने डीएम के फैसले को पलट दिया तो हाई कोर्ट ने फटकार लगाकर फैसले को सही बताकर रोक निरस्त कर दी।