बिहार के कटिहार में दशकों पहले महादलित लोगों को मिला इंदिरा गांधी आवास अब खंडहर में बदल चुका है. इंदिरा गांधी आवास घरों में न तो खिड़की है न ही दरवाजे. जिसके कारण इन्हें सर्द हवाओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां के लोग सरकार से मेंटेनेंस की मांग कर रहे हैं.
सैकड़ों गांव के घर हुए जर्जर
दरअसल, कटिहार जिले के बरारी और समेली प्रखंड में मलहरिया पंचायत बखरी गांव के महादलित लोगों को इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत मिले घर खंडहर में बदल चुके हैं. इंदिरा गांधी आवास योजना में रह रही बड़ी आबादी खंडहर बन चुके इन घरों में रहने को मजबूर हैं. यहां पर 16 प्रखंडों की बड़ी आबादी वाली कॉलोनी है, जो कि खंडहर होने के कारण एक बड़े हादसे का शिकार हो सकती है. समेली और बरारी प्रखंड के साथ- साथ सैकड़ों पंचायतों का हाल बेहाल है. सैकड़ों गांव के घर जर्जर हालत में है. जिन्हें वापस से ठीक करने के लिए कोई योजना नहीं है.
जर्जर घरों में रहने को मजबूर लोग
यहां पर लोग जर्जर घरों में जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं. मलहरिया पंचायत के बखरी गांव में दशकों पहले सरकार द्वारा सैकड़ों लोगों के लिए इंदिरा गांधी आवास का निर्माण किया गया था. हालांकि धीरे-धीरे यहां के आवास जर्जर हो गए.
जर्जर भवनों के कारण हो सकता है बड़ा हादसा
इसके मेंटेनेंस के नाम पर अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया है. जिसके कारण यहां के लोग घर छोड़कर मचान में रहते हैं या फिर घर के अंदर जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर है. ऐसे में सर्दी की रात और ठंडी हवाओं के जोरदार झोकों, बारिश आदि के चलते इस इलाके में बड़ा हादसा होने की संभावना है.
बिहार के कई इलाकों में यही हालात
इंदिरा गांधी आवास के इन जर्जर हालातों पर कटिहार जिला अधिकारी उदयन मिश्रा का कहना है कि यह सिर्फ कटिहार जिले का ही नहीं, बल्कि बिहार के कई इलाकों में इसी प्रकार के हालात हैं. जब इंदिरा आवास सरकार द्वारा आवंटित हुआ था. इसके बाद से मेंटेनेंस का कोई काम नहीं हुआ है.