कम हाइट और गरीबी ने तोड़ा फौज में जाने का सपना, पर देशभक्ति मारती रही उबाल, जानें फिर क्या किया इस जवान ने

जानकारी प्रेरणादायक

स्वतंत्रता दिवस का मौका है. हर तरफ देशभक्ति की बयार बह रही है. ऐसे में राजधानी पटना में एक ऐसा देशभक्त है, जिसकी भक्ति और काम को हर कोई सलाम करता है. हाथों पर महापुरुषों का टैटू, शरीर पर वर्दी रंग का कपड़ा, स्टॉल पर तिरंगा झंडा और दिल में भारतीय सेना के प्रति असीम प्रेम को समेटे राजधानी पटना के दीपू चौधरी राजा पुल के पास देशभक्त चायवाला नाम से चाय बेचते हैं.

कभी भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखने वाले दीपू भले ही सीमा पर देशभक्ति का परिचय ना दे पाए हैं, लेकिन समाज में रहकर भी देशभक्ति की मिसाल पेश कर रहे हैं. राजधानी के दीपू चौधरी देशभक्त चायवाला के नाम से एक स्टॉल चलाते हैं. इस स्टॉल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां भारतीय सेना में शामिल जवानों को चाय सहित कोई भी आइटम फ्री में रहती है. इसके साथ ही गरीब लोगों को भी फ्री में चाय और बिस्किट खिलाते हैं.

फाइटर प्लेन देख सेना में शामिल होने का देखा था सपना


बचपन में दीपू और उनका दोस्त पटना की सड़कों पर खेला करते थे. कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में गांधी मैदान के पास स्मारक का निर्माण हुआ था. उसी दिन आसमान में फाइटर प्लेन को देख दोनों दोस्तों ने भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखा. दीपू का दोस्त अमीर परिवार का बच्चा था, तो अच्छी पढ़ाई लिखाई हुई और वो एयरफोर्स में शामिल हो गया, लेकिन गरीब परिवार में जन्मे दीपू का सपना पढ़ाई ना कर पाने की वजह से टूट गया. पढ़ाई करने की उम्र में दीपू के कंधे पर परिवार चलाने का बोझ आ गया. इस बोझ तले दीपू के सपने ने भले ही दम तोड़ दिया हो, लेकिन उनके दिल के अंदर देशभक्ति आज भी जीवित है.

मरने के पहले एक बार वर्दी पहनने का है सपना
दीपू पिछले 6 साल से यह स्टॉल चला रहे हैं. इनके स्टॉल पर 6 रुपए में छोटा ग्लास और 10 रुपए में कुल्हड़ वाली चाय मिलती है. इसके अलावा मक्खन ब्रेड, बिस्किट, नमकीन, कोल्डड्रिंक के अलावा कई खाने-पीने का समान उपलब्ध है. वो बताते हैं कि किसी से भी एक रुपया ज्यादा नहीं लेता हूं. किसी के पास पैसे नहीं भी होता है तो चाय पिला देता हूं. मन में ईमानदारी है तो भगवान आज नहीं तो कल देगा ही. उन्होंने आगे बताया कि भले ही मैं नहीं पढ़ पाया, लेकिन अपने बच्चों को पढ़ा कर रहूंगा. मरने से पहले बस एक ही इच्छा है कि एक बार भारतीय सेना का वर्दी पहन सकूं.

 

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