देश-विदेश से लाखों भक्त मां के दरबार में पहुंचकर अपने रोग से मुक्ति की कामना करते हैं और यहाँ से ठीक होकर घर जाते हैं।
ये प्रसिद्ध मंदिर है आरा जिले के बड़हरा प्रखंड में स्थित बखोरापुर काली मंदिर जहाँ हर बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंचते हैं।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि 1862 में बखोरापुर व आसपास के गांवों में महामारी फैली थी जिससे बड़ी संख्या में लोगों मर रहे थे। गाँव में दहशत पैदा हो गई थी और लोग घर छोड़कर दूसरे गांव भाग रहे थे। इसी बीच गांव में एक साधु महात्मा पधारे और गांव वालों की व्यथा सुनी।
उस साधु ने कहा कि गांव में हरिकीर्तन करवाने से सब ठीक हो जायेगा। अगले दिन पूजा हुई और कीर्तन के बाद साधु अंतरध्यान हो गये। लोगों ने काफी खोजबीन की, लेकिन साधु नहीं मिले। साथ ही महामारी भी पूरी तरह खत्म हो गई।
तभी से ये मान्यता है कि यहां आने से मन की मुराद पूरी होने के साथ रोग भी दूर हो जाते हैं।
नवरात्र में इस काली मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ शाम की महाआरती में हजारों लोग शामिल होते हैं।
