काले अमरूद की खेती से बिहार के किसानों की किस्मत होगी हरी, जानें खेती का तरीका

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अमरूद खाने के शौकीनों के लिए खुशखबरी है यह है कि बिहार के लोगों को नई वैरायटी के अमरूद का स्वाद चखने को मिलेगा. अमरूद का यह नया किस्म अमेरिकी प्रजाति का काला अमरूद है, जो स्वाद के साथ सेहत के लिए भी है फ़ायदेमंद है. इस अमरूद की खेती नालंदा ज़िला के चंडी प्रखंड अंतर्गत ढकनिया गांव निवासी मुकेश सिंह, नीतीश सिंह और राम कुमार सिंह मिलकर कर रहे हैं. तीनों भाईयों ने मिलकर तीन एकड़ में कुदन वाटिका लगाया है. इस वाटिका में विभिन्न प्रकार के फलदार, औषधीय और फ़ूल का पौधा लगाया है. ये शुरू से पर्यावरण विद हैं और नए तरीक़े के फलदार पौधे लगाए हैं.

मुकेश ने बताया कि स्व. सुरेंद्र सिंह पर्यावरणविद थे और उन्हें सोशल मीडिया से अलग-अलग वैरायटी के फलदार पौधे और फूल लगाने की जानकारी मिली. इसके बाद 20 से 25 हजार खर्च कर बंगलुरू से 10 फलदार पौधे मंगवाया. इस काले अमरूद के पेड़ से दो सीज़न में फ़ल आ चुका है, जो स्वाद के साथ त्वचा के लिए काफ़ी लाभदायक है. सभी पेड़ को मिलाकर एक से डेढ़ क्विंटल अमरूद का इस बार उत्पादन हुआ है. जिसे खुद भी खाया और आस-पड़ोस में गांव के लोगों को भी खिलाया है. एक पेड़ से सीज़न में 30 से 40 किलो के क़रीब अमरूद प्राप्त होता है. जिसमें एक अमरूद का वजन 250 से 300 ग्राम तक का था. जबकि बाजारों में इसे 150 से लेकर 200 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है.

 

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