कभी कोचिंग की फीस भरने के भी नहीं थे रुपए, आज गरीब छात्रों की कर रहे पढ़ाई में मदद

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कहते हैंकि कोई भी काम छोटा नहीं होता है, बशर्ते कि उसे पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ किया जाए. फिर तो छोटा काम करके भी बड़ा नाम कमाया जा सकता है. गरीबी के कारण समय पर फीस नहीं भर पाने  की वजह से हाजीपुर प्रखंड क्षेत्र के मोहब्बतपुर गांव निवासी जिस धर्मपाल पटेल को कभी कोचिंग से निकाल दिया गया था. आज वह तीन गरीब छात्रों की भी मदद कर रहे हैं. इस काम से वह काफी खुश हैं. धर्मपाल कहते हैं कि जब उन्हें कोचिंग से निकाल दिया गया तो किसी के कहने पर अखबार बेचने लगे. इससे होने वाली कमाई से उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की. अब दूसरे छात्रों की भी मदद करते हैं.

धर्मपाल कहते  हैं कि अखबार बेचने के काम ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी. वे अब इसे ही अपने रोजगार का साधन बना लिए हैं. अखबार बेचने के कारोबार को वह छोड़ना नहीं चाहते हैं. अभी वे दो हजार पीस अखबार रोज बेचते हैं. तीन सहयोगी भी रखे हुए हैं. एक अखबार पर सवा रुपया कमीशन मिलता है. इससे होने वाली कमाई से अपना और सहयोगियों का काम चलाते है. उन्होंने बताया कि सामाजिक काम में रुचि रखने के कारण उन्होंने इस बार पंचायत चुनाव में ग्राम कचहरी के पंच पद से चुनाव लड़ा था. लोगों ने जीता भी दिया.

छात्रों की भी करते हैं मदद
धर्मपाल ने कहा कि उन्होंने गरीबी को करीब से देखा है. गरीबी के कारण ही कोचिंग की फीस समय-समय पर नहीं भर पाते थे. इस कारण से उन्हें कोचिंग से निकाल भी दिया गया था. हालांकि अब वे ऐसी स्थिति में हैं, जहां से कुछ छात्रों की मदद कर सकें. इसलिए उन्होंने तीन गरीब छात्रों को भी अपने साथ जोड़ा है. ये छात्र पार्ट टाइम में सुबह को कुछ घंटे अखबार बांटते हैं. इससे उनका काम भी हो जाता है.शायद यही वजह है कि धर्मपाल आज जिले के सबसे बड़े अखबार विक्रेता हैं. धर्मपाल ने बताया कि उसके अलावा वह सोशल मीडिया के माध्यम से जनसरोकार के मुद्दे को भी उठाते रहते हैं.

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