150 सालों में संभवतः पहली बार दरभंगा हाउस से काली मंदिर का गेट बंद कर दिया गया है। पटना विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से ये कार्रवाई की गयी है। काली मंदिर का गेट बंद होने से काली घाट जाने का रास्ता भी बंद हो गया है।
दरभंगा हाउस में करीब 150 साल पहले दरभंगा महाराज ने महारानी की पूजा के लिए काली मंदिर का निर्माण कराया था।
मंदिर के निर्माण से लेकर अभी तक यहां पर पूजा करने आने वाले आम से लेकर खास तक के लिए कभी भी गेट नहीं बंद की गयी।
लेकिन, पटना विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पीएम नरेन्द्र मोदी के आगमन को लेकर यहां पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए पुलिस का भी सहयोग लिया है। शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दरभंगा हाउस परिसर से अतिक्रमण हटाने के बाद काली मंदिर का गेट बंद कर दिया गया।
मंदिर के रास्ते से ही गंगा घाट जाने का भी रास्ता है। मंदिर का गेट बंद होने से गंगा में पूजा और स्नान करने वाले लोगों का रास्ता बंद हो गया है। मुख्य गेट बंद करने के बाद प्रॉक्टर ने मंदिर के पुजारी दीनानाथ झा को एक चाबी सौंप दी।
अतिक्रमण हटाने के लिए दर्जनों सुरक्षा बल के साथ जिला प्रशासन के पदाधिकारी मौजूद रहे। अंत में एसडीएम और टाउन डीएसपी भी पहुंचे।
इधर, रास्ता बंद करने का विरोध भी शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है जब अतिक्रमण हटा दिया गया तो मंदिर का मुख्य गेट बंद नहीं किया जाना चाहिए। श्रद्धालुओं को मुख्य गेट बंद होने से दिक्कत होगी। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसपर कहा गया है कि श्रद्धालु कदम घाट और वंशी घाट होकर जा सकेंगे।
शनिवार को अशोक राजपथ में पूरा अतिक्रमण हटाया जाएगा। पीएम के आने की तैयारियों को देखते हुए अतिक्रमण हटाया जा रहा है। दरभंगा हाउस में अतिक्रमण हटाने के दौरान विवि के प्रॉक्टर डा. जीके पिल्लई और विवि अभियंता रतीश कुमार के बीच बहस हो गयी।
बिना प्रॉक्टर के आदेश के अभियंता ने जेसीबी और ट्रैक्टर को दूसरी जगह भिजवा दिया। जबकि अतिक्रमण हटाने का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ था।