जुड़ शीतल- मिथिला की संस्कृति और नव वर्ष का पर्व

संस्कृति और परंपरा

 

आपने जरूर पढ़ा या सुना होगा की विदेशों में गर्मियों में मड प्ले का आयोजन किया जाता है, लेकिन बता दें तो ये हमारे बिहार के मिथिलांचल की संस्कृति में भी है। मिथिला की संस्कृति का अहम् हिस्सा है जुड़ शीतल का पर्व। ये अकेला ऐसा पर्व है जिसमें बासी भोजन खाने की परंपरा है। शनिवार को कई घरों में चूल्हा नहीं जलाया गया। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इस परंपरा को पूरी संजीदगी के साथ मनाया जाता है।

बासी खाने के पीछे पूर्वजों का वैज्ञानिक तर्क भी बताया जाता है। उनके मुताबिक चंद्रमा और सूर्य की चाल आज के नक्षत्र और राशि में इस तरह हो जाती है कि खाद्य पदार्थों के खराब होने के लिए कारक कीटाणु सक्रिय नहीं रहते।
इसके अलावा इसी दिन से सौर वर्ष का भी शुभारंभ हो जाएगा। सौर मास के हिसाब से वैशाख की शुरुआत हो जाएगी। जूड़ शीतल के अवसर पर लोगों ने पौधों में पानी देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *