जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में दो महिलाओं की हड्डी कब की जुड़ गई, फिर भी दो साल से उनका इलाज चल रहा है। इनके परिजन की ओर से इनकी कोई खोज-खबर नहीं ली जा रही है।
इन महिलाओं के भरण-पोषण के लिए अस्पताल प्रबंधन ने जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को पत्र लिखा है।
जेएलएनएमसीएच में आठ अज्ञान, लावारिस व विक्षिप्त रोगियों का इलाज चल रहा है। तीन मरीज हड्डी रोग विभाग में भर्ती है। एक मरीज का इलाज मेडिसीन विभाग में चल रहा है। तीन मरीजों का इलाज इमरजेंसी विभाग में चल रहा है।
बेड मिला तो ठीक, नहीं तो जमीन पर
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में मरीज को भर्ती कराने के लिए परिजन तो आ रहे हैं, लेकिन भर्ती कराने के बाद भाग जा रहे हैं।
परिजनों के द्वारा जो मोबाइल नंबर लिखाया जाता है, वह दो से तीन दिनों तक चालू स्थिति में रहता है, लेकिल इसके बाद बंद हो जाता है।
हड्डी विभाग में भर्ती मरीज पता पूछने पर सहम जा रही है। बोलने की चाहत रखने के बावजूद किसी अज्ञात भय के कारण गुम हो जा रही है।
विभाग में अगर बेड खाली रहा तो इन मरीजों को बेड पर सोने का मौका मिलता है, अगर बेड खाली नहीं रहा तो जमीन पर सोने दिया जाता है।
सफाई कर्मी की कृपा हुई तो इन मरीजों को स्नान के साथ साफ-सफाई कराई जाती है। भोजन अस्पताल प्रबंधन की कृपा पर मिल जा रही है।
60 साल से नीचे की महिलाओं को नहीं है रखने की व्यवस्था
जिले में 60 वर्ष से नीचे की महिलाओं के रखने की व्यवस्था नहीं है। यह व्यवस्था पटना में है। हालांकि 60 वर्ष या इससे उपर के वृद्ध के लिए यहां वृद्धाश्रम है।
अगर किसी वृद्ध को परिजन घर से निकाल देते हैं, तो मामला एसडीओ कोर्ट में जाता है। अगर परिजन वृद्ध को अपने पास नहीं रखना चाहते हैं, तो भरण-पोषण के लिए राशि देनी पड़ता है। अगर किसी वृद्ध् का कोई परिजन नहीं है तो उसे वृद्धाश्रम में रखा जाता है।
सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक ने बताया कि जिले में लड़की व 60 वर्ष के नीचे की महिलाओं की रखने की व्यवस्था नहीं है। यह व्यवस्था पटना है। बुजुर्ग महिला के संबंधक में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
केस स्टडी 01
उम्र 60 वर्ष से अधिक। पिछले दो साल से जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में भर्ती। सात अगस्त 2021 को परिजन ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया था।
डॉ. मशीह आजम के वार्ड में वृद्ध महिला का इलाज हुआ और तीन माह में हड्डी जुड़ गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा वृद्ध महिला के परिजनों की तलाश की।
परिजनों की खोज-खबर नहीं लेने और घर का पता नहीं चलने पर अस्पताल प्रबंधन ने जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को पत्र भेजा है।
केस स्टडी 02
उम्र 20 वर्ष। 27 अगस्त 22 से 20 वर्षीय लड़की जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में भर्ती है। डा. मशीह आजम के यूनिट में भर्ती लड़की का इलाज दो माह तक चला और टूटी हड्डी जुड़ गई।
लड़की को जिस समय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उस समय परिजन मौजूद थे। भर्ती होने से लेकर आजतक परिजन लड़की से मिलने नहीं आए।
अस्पताल प्रबंधन लड़की के घर का पता लगाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन पता नहीं मिलने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा है।