जीविका दीदियों के धागों से सजेगी भाइयों की कलाई, एक एक को मिला सैकड़ों राखी बनाने का ऑर्डर

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जिले की जीविका दीदियां अपने स्वावलंबन के लिए तरह-तरह की गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं। जन सरोकार में भी अपना हांथ बटांती हैं। इस बार रक्षाबंधन में जिले की पांच समूह की 120 से ज्यादा जीविका दीदियां राखी बनाने में जुटी हुईं हैं।

इसमें एक-एक जीविका दीदी को सात से आठ सौ राखी बनाने का ऑर्डर मिला है। वे राखी का निर्माण पटना से लाए गए रंग बिरंगे धागों से कर रही हैं। जबकि चमकिले पतियों एवं मोती की खरीदारी स्थानीय बाजार से ही की हैं। जीविका के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आरके निखिल के अनुसार, राखी बनाने में जिले की जीविका दीदियां दो सप्ताह पूर्व से जुड़ी हुईं हैं।

मार्केट भी मिला बड़ा ऑर्डर

इसमें उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना है। दो समूहों के जीविका दीदियों को पहले से ही मार्केट से ऑर्डर मिला है। सुंदरम जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदी मनोरमा देवी के अनुसार, उन्हें अब तक सात सौ राखी का ऑर्डर मिला है। इस व्यवसाय में भी उन्हें अच्छी आमदनी होने वाली है।

इसके अलावा, मैनाटांंड़ के रमपुरवा, हरदिया के राधिका स्वयं सहायता समूह की अंजूषा देवी बताती हैं कि उन्हें राखी बनाने में कुछ तो स्थानीय स्तर तो कुछ समूह की मदद से सामग्री मिल जा रही है। अब तक उन्हें छह सौ से ज्यादा राखी का ऑर्डर मिल चुका है। वे उच्च गुणवत्ता की राखी बना रही हैं।

एक राखी बनाने में चार से दस रुपये की लागत आती है, जबकि उसकी बिक्री सात से पंद्रह रुपये तक होने की संभावना है। थरूहट क्षेत्र की जीविका दीदियां राखी बनाने में ज्यादा उत्साहित दिख रही हैं। इसके अलावा लौरिया प्रखंड के धमौरा पंचायत से जुड़ी सलोनी स्वयं सहायता समूह की जीविका दीदियां भी राखी बनाने में जुटी हुई हैं।

एक जीविका दीदी प्रतिदिन बना रही 25 से 30 राखी

रक्षा बंधन का पर्व 31 अगस्त को निर्धारित है। ऐसे में जीविका दीदी भी राखी बनाने में अति उत्साहित हैं। समय रक्षाबंधन के एक सप्ताह पूर्व ही राखी तैयार हो जाए, इसके लिए राखी बनाने में तेजी दिखा रही हैं। औसतन एक जीविका दीदी प्रतिदिन 25 से 30 राखी बना रही हैं।

इसमें एक-एक जीविका दीदी को सात से आठ सौ राखी बनाने का ऑर्डर मिला है। वे राखी का निर्माण पटना से लाए गए रंग बिरंगे धागों से कर रही हैं। जबकि चमकिले पतियों एवं मोती की खरीदारी स्थानीय बाजार से ही की हैं। जीविका के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आरके निखिल के अनुसार, राखी बनाने में जिले की जीविका दीदियां दो सप्ताह पूर्व से जुड़ी हुईं हैं।

मार्केट भी मिला बड़ा ऑर्डर

इसमें उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना है। दो समूहों के जीविका दीदियों को पहले से ही मार्केट से ऑर्डर मिला है। सुंदरम जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदी मनोरमा देवी के अनुसार, उन्हें अब तक सात सौ राखी का ऑर्डर मिला है। इस व्यवसाय में भी उन्हें अच्छी आमदनी होने वाली है।

इसके अलावा, मैनाटांंड़ के रमपुरवा, हरदिया के राधिका स्वयं सहायता समूह की अंजूषा देवी बताती हैं कि उन्हें राखी बनाने में कुछ तो स्थानीय स्तर तो कुछ समूह की मदद से सामग्री मिल जा रही है। अब तक उन्हें छह सौ से ज्यादा राखी का ऑर्डर मिल चुका है। वे उच्च गुणवत्ता की राखी बना रही हैं।

एक राखी बनाने में चार से दस रुपये की लागत आती है, जबकि उसकी बिक्री सात से पंद्रह रुपये तक होने की संभावना है। थरूहट क्षेत्र की जीविका दीदियां राखी बनाने में ज्यादा उत्साहित दिख रही हैं। इसके अलावा लौरिया प्रखंड के धमौरा पंचायत से जुड़ी सलोनी स्वयं सहायता समूह की जीविका दीदियां भी राखी बनाने में जुटी हुई हैं।

एक जीविका दीदी प्रतिदिन बना रही 25 से 30 राखी

रक्षा बंधन का पर्व 31 अगस्त को निर्धारित है। ऐसे में जीविका दीदी भी राखी बनाने में अति उत्साहित हैं। समय रक्षाबंधन के एक सप्ताह पूर्व ही राखी तैयार हो जाए, इसके लिए राखी बनाने में तेजी दिखा रही हैं। औसतन एक जीविका दीदी प्रतिदिन 25 से 30 राखी बना रही हैं।

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