प्रखंड के अंतर्गत सरहंचिया पंचायत के प्राथमिक विद्यालय, फतेहपुर की स्थिति अत्यंत दयनीय है। यह प्राथमिक विद्यालय भवन विहीन है और वर्षों से बगैर दीवार वाली फूस की झोपड़ी के नीचे चल रहा है। हल्की वर्षा होने पर ही इसके फूस के छप्पर से पानी टपकने लगता है।’
वहीं, गर्मी में तेज धूप, तेज हवा में भी बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है। प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी बताती हैं कि विद्यालय की जमीन गहरी होने के कारण भवन निर्माण नहीं हो पा रहा है। शौचालय बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में विद्यालय की जमीन की मिट्टी भराई कराई जाने की संभावना है।
विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या
बताया कि वर्षा के समय छप्पर से पानी का रिसाव होने लगता है, जिस कारण पढ़ाई बाधित हो जाती है। दो शिक्षिका व एक शिक्षक वाले इस विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 187 है। इनमें अमूमन 130-140 बच्चे उपस्थित रहते हैं।
विद्यालय की स्थापना कब हुई?
विद्यालय की स्थापना 1972 में हुई थी। उस वक्त ग्रामीण राजपलटन राय द्वारा विद्यालय के नाम पर 13 डिसमिल जमीन दी गई थी। राजपलटन राय ने उक्त जमीन रामदेव राय से अदला-बदली के तौर पर हासिल की थी। वहीं, उक्त दोनों लोगों के निधन के बाद दोनों परिवार ने अदला-बदली वाले सुलह को तोड़ दिया।
इसके बाद वर्ष 2002 में अरुण राय द्वारा राज्यपाल के नाम से 11 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री की गई। इस बीच विद्यालय भवन बनाने के नाम पर ग्रामीण रामबाबू राय एवं अरुण राय में विवाद उत्पन्न हो गया, जिस कारण विद्यालय भवन नहीं बन सका था।
वर्ष 2009 में विद्यालय के भवन निर्माण के नाम पर 12 लाख रुपये आए थे, मगर जमीन के विवाद के कारण भवन नहीं बन सका। बाद में विभाग द्वारा प्रधानाध्यापक को भवन निर्माण की राशि वापस करने का निर्देश दिया गया। प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी ने रकम जमा करा दी।
इधर, जमीन दाता द्वारा विद्यालय भवन बनाने के नाम पर सहमति दी गई है तो इसपर शौचालय का निर्माण कराया गया है। साथ ही फूस का छप्पर डाल झोपड़ी का कक्ष बनाया गया है।
प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी ने क्या बताया?
प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी बताती हैं कि उनके व ग्रामीणों द्वारा कई बार जिलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को भवन निर्माण के लिए आवेदन दिया गया। जमीन अत्यधिक गहरी हो जाने के कारण उसपर भवन निर्माण होना संभव नहीं था।
पंचायत स्तर पर मनरेगा योजना से उक्त विद्यालय की जमीन को भराई के लिए प्रस्ताव पारित कराया जा चुका है। वहीं, स्थानीय विधायक रामसूरत राय द्वारा विद्यालय की जमीन पर दो कमरे बनाने की स्वीकृति दी गई है।