खगड़िया जदयू के नेता व पूर्व एमएलसी सोनेलाल मेहता का गुरुवार की देर रात पटना के आइजीएमएस में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को शुक्रवार की अहले सुबह संहौली स्थित आवास लाया गया।
उनके निधन की खबर मिलते ही जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। शुक्रवार की सुबह से जदयू सहित विभिन्न दलों के नेता उनके आवास पर अंतिम दर्शन को पहुंचे।
सोनेलाल मेहता ने 1972 में समाजवादी युवजन सभा से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। स्मृति शेष सोनेलाल मेहता समता काल से ही सूबे के सीएम नीतीश कुमार के नजदीकी रहे। उन्होंने 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में खगड़िया में छात्र-आंदोलन का नेतृत्व किया।

1975 में इमरजेंसी के समय डीआइआर के तहत उप-कारा खगड़िया (वर्तमान में मंडल कारा, खगडिया) में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था। फिर 1975 के अंत में मीसा के अंतर्गत केंद्रीय कारा बक्सर में बंदी बनाकर रखा गया, जहां वे लगभग एक साल से अधिक समय तक जेल में रहे।
सोनेलाल मेहता 1977 में जनता पार्टी, फिर लोकदल, दमकिपा से होते हुए 1985 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। 1987 में खगड़िया जिला युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बनाए गए। जिसके लगभग आठ साल तक जिलाध्यक्ष रहे। बाद में समता पार्टी में शामिल हुए। प्रदेश के महासचिव बनाए गए।
2014 में विधान परिषद के बने सदस्य
इसके बाद मेहता जनता दल (यू.) बनने पर 2004 में खगड़िया जिला जनता दल (यू.) के जिलाध्यक्ष बने। लगभग 10 साल तक जिलाध्यक्ष रहे। साल 2013 में जनता दल (यू.) के प्रदेश महासचिव बनाए गए। मार्च, 2014 में उन्हें बिहार विधान परिषद् का सदस्य बनाया गया।
उन्होंने 1984 में खगड़िया नगरपालिका के वार्ड नं-01 से वार्ड पार्षद का चुनाव भी जीता थे। उस समय नगर पालिका खगड़िया में मात्र 10 वार्ड हुआ करता था।