बिहार का सीमांचल पूरे देश में शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़ा इलाका माना जाता है. ऐसे में किशनगंज जिले की तीन महिलाएं स्वावलंबी जीवन जीने के लिए होटल चलाकर एक मिसाल पेश कर रही हैं. किशनगंज के बस स्टैंड के समीप बिहार बंगाल बॉर्डर के नजदीक हरि होटल के नाम से यह तीनों महिलाएं होटल चलाती हैं. यह एक छोटी सी झोपड़ी में यहां खाना परोसती हैं. यहां पर मटन चावल 170 रुपये और सादा खाना 50 रुपये में मिलता है. होटल की खास बात यह है कि यह तीनों महिलाएं ही खाना बनाने से लेकर खाना परोसने तक हर काम करती हैं.
लोकल 18 से बात करते हुए होटल की संचालिका प्रतिमा चक्रवर्ती ने बताया कि आज से 12 साल पहले पति गुजर गए थे. उस समय बच्चे छोटे-छोटे थे. ऐसे में घर परिवार को चलाने की जिम्मेदारी हमें उठानी पड़ी. शुरुआत में काफी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. दरअसल एक महिला होकर वह भी किशनगंज जैसे शहर में कैसे होटल को चलाएं. फिर अपनी करीबी दो और महिला साथी से हमने बात की तो वह तैयार हो गईं. फिर पति जिस हरि होटल को चलाते थे, उसका काम आगे बढ़ाना शुरू कर दिया. प्रतिमा चक्रवर्ती के मुताबिक, आज होटल की ही देन है कि हमारे बच्चे की पढ़ाई से लेकर पूरे घर का खर्च चलता है. प्रतिदिन 15 से 20 किलो चावल की खपत हो जाती है. इसके साथ करीब 30 किलो मटन आसानी से निकल जाता है. मुनाफे की बात करें तो 3-4 हजार रुपये की रोजाना कमाई होती है.
हरि होटल के नाम से है प्रसिद्ध
बहरहाल, यह किशनगंज का एकमात्र होटल है, जहां महिलाएं ही खाना बनाने से लेकर खाना परोसती हैं. होटल को चलाने में सहयोग कर रही गीता देवी ने बताया कि किसी के यहां नौकरी करने से अच्छा खुद का कुछ अपना बिजनेस करना है. अपने काम में कोई दबाव नहीं रहता है. मन से काम करते हैं. शाम के वक्त ठीक-ठाक कमा लेते हैं. इससे घर परिवार अच्छे से चल रहा है.
50 में सादा तो 170 रुपये में मिलेगा नॉन वेज
किशनगंज बस स्टैंड के समीप हरि होटल पर 50 रुपये में सादा खाना मिलता है. जिसमें चावल, सब्जी, दाल, भुजिया और सलाद शामिल है. इसके अलावा 170 रुपये में तीन पीस मटन चावल मिलता है. खाना खा रहे एक कस्टमर ने बताया कि हमारे किशनगंज की महिलाएं भी अब आगे आ रही हैं. हम जब भी किशनगंज आते हैं तो इन्हीं के यहां खाना खाने आते हैं. यहां पर बहुत ही स्वादिष्ट खाना मिलता है.