बिहार में बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना शनिवार की सुबह से विधिवत आरंभ हो जाएगी। इसके तहत अगले 15 दिनों तक मकानों पर संख्या अंकित करने का काम होगा। इसके लिए वार्ड स्तर पर नजरी नक्शा तैयार किया गया है। संख्या अंकित करने के बाद वार्ड के आधार पर प्रगणक परिवारों की गिनती करेंगे। एक प्रगणक को डेढ़ सौ घरों की गिनती करनी है। एक वार्ड में दो प्रगणक लगाए गए हैं। वार्ड बड़ा होने पर प्रगणकों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
वार्ड के उत्तर पश्चिम हिस्से से घरों को नंबर दिए जाएंगे
मकानों पर संख्या अंकित करने का काम वार्ड के उत्तर-पश्चिम हिस्से के शुरू होगा। प्रगणक घड़ी की सूइयों की विपरीत दिशा (एंटी क्लाक वाइज) घूमेंगे। फिर संख्या अंकित करने का काम पूरा कर वहीं पहुंच जाएंगे, जहां से उन्होंने शुरू किया था। बाद के दिनों में मकानों पर दिए गए यही नंबर संबंधित व्यक्ति के स्थायी पते के रूप में जाने जाएंगे। नंबर दिए जाने की पूरी प्रक्रिया इस माह के अंत तक पूरी कर लिए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
दस कालम बनाए गए हैं, परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर जरूरी
जाति आधारित गणना के तहत घर पर पहुंचे प्रगणक को दस तरह की जानकारी भरनी है। दसवें कालम में उस घर के मुखिया का हस्ताक्षर भी अनिवार्य रूप से लेना है, जहां वे गणना को पहुंचेंगे। अगर एक घर में दो या तीन परिवार रहते हैं तो सभी की गणना अलग-अलग प्रपत्र में होगी। यह भी जानकारी देनी है कि प्रगणक किस तारीख को किसके घर में गिनती को गया। शहरी क्षेत्र में बहुमंजिली इमारत के लिए दो प्रगणक रहेंगे।
नजरी नक्शे का आधार
नजरी नक्शे में न केवल किसी घर में रह रहे परिवार का जिक्र है, बल्कि खेत, खलिहान एवं खाली जगह के बारे में भी बताया गया है। जाति आधारित गणना के तहत प्रखंड में उपलब्ध सुविधाएं मसलन सड़क, रेललाइन, तालाब, पूजा स्थल, स्कूल, डिस्पेंसरी आदि से जुड़ी जानकारी भी जुटाई जानी है।
आर्थिक स्थिति का भी आकलन
जाति की गणना होगी। उस क्रम में संबंधित परिवार की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी ली जाएगी। इस क्रम में यह देखा जाएगा कि संबंधित परिवार की रोजी -रोटी का जरिया क्या है? इसके साथ ही मोबाइल, गाड़ी, सरकारी या फिर प्राइवेट नौकरी,स्कल आदि की जानकारी जुटाएंगे। यह फरवरी में आरंभ होगा।
भाजपा गरीब विरोधी : तेजस्वी
जाति आधारित गणना को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में आज से जाति आधारित गणना शुरू होगी। यह हमें वैज्ञानिक आंकड़े देगा जिससे उसके अनुसार बजट और समाज कल्याण की योजनाएं बनाई जा सकें। भाजपा गरीब विरोधी है। वे नहीं चाहते कि ऐसा हो।