पटना हाई कोर्ट मंगलवार (एक अगस्त) को राज्य सरकार द्वारा जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सात जुलाई को इस मामले में सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था।
इस मामले पर 17 अप्रैल को पहली बार सुनवाई हुई थी। उच्च न्यायालय ने चार मई को अंतरिम आदेश पारित कर बिहार में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार किया था
तीन जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के अंतरिम निर्णय में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। लगभग 11 दिन चली लंबी सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत किया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, दीनू कुमार एवं एमपी दीक्षित कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए थे।