गया जिले के किसानों का रुझान अब परंपरागत खेती से सब्जियों की खेती की ओर बढ़ रहा है. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. यहां एक ऐसे किसान हैं, जो 18 बीघा में सब्जियों की खेती कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वे पूरी तरह जैविक तरीके से खेती करते हैं और खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल भी करते हैं. दरअसल, अतरी प्रखंड के बहोरमा गांव के रहने वाले किसान धर्मेंद्र कुमार शहर के चंदौती आहर कामदेवपुरम में तकरीबन 14 बीघा और बोध गया के बगदाहा में 4 बीघा में सब्जी की खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें सालाना 12 से 15 लाख रुपए की आमदनी हो रही है.
वह बताते हैं कि तीन वर्ष पूर्व शहर के बाहर 14 बीघा जमीन लीज पर लिया और जैविक तरीके से सब्जियों की खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंने बोध गया में वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरू किया, जिसका इस्तेमाल सब्जियों की खेती में करने लगे. अब उनकी सब्जी खरीदने के लिए बड़े-बड़े व्यापारी खेत पर ही पहुंच जाते हैं. अभी इनकी खेत में कद्दू, नेनुआ, भिंडी, बरबटी, करैला, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, बैगन, मूली आदि लगा हुआ है. इतने बड़े प्लॉट पर पटवन के लिए इन्होंने ड्रिप इरिगेशन तकनीक का इस्तेमाल किया है. इसके लिए कृषि विभाग से इन्हें अनुदान भी दिया गया है.
सरकार की मदद से मिलेगा ग्रीन हाउस
किसान धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि गया के कृषि विज्ञान केंद्र से उन्होंने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया था. उसी दौरान कुछ किसानों की सलाह पर नालंदा के चंडी से जैविक सब्जियों के उत्पादन का प्रशिक्षण लिया और उसके बाद गया शहर के चंदौती में लीज पर जमीन लेकर सब्जियों की खेती शुरू कर दी. आज लगभग 18 बीघा में जैविक विधि से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इससे सालाना लगभग 12 से 15 लाख रुपए की आमदनी हो रही है. इसके अलावे कई स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल जाता है. उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने लगभग 32 लाख रुपए की लागत से ग्रीनहाउस देने का भी आश्वासन दिया है.