चार महीनों बाद फिर से खुला पुरी का भगवान जगन्‍नाथ मंदिर, बदले गए दर्शन के लिए ये नियम

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कोविड की दूसरी लहर के कारण चार महीने से अधिक समय तक बंद रखे जाने के बाद ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर को सोमवार को फिर से खोल दिया गया है. कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर के बीच 24 अप्रैल को 12वीं शताब्दी के इस मंदिर को बंद कर दिया गया था और रथ यात्रा के दौरान भी यह बंद रहा था. हालांकि मंदिर खोलने के साथ यहां अपनाई जा रही रणनीति दूसरी जगहों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है.

यहां अपनाई जा रही रणनीति के अंतर्गत मंदिर के 3,500 से अधिक सेवकों और उनके परिवारों के लिए एक व्यापक टीकाकरण अभियान चलाना है. मंदिर प्रशासन मंदिर में भक्‍तों के प्रवेश के लिए एक सख्त कोविड प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है. यह योजना 2020 में रथ यात्रा के बाद के महीनों में विकसित हुई, जब भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को रिकॉर्ड इतिहास में पहली बार भक्तों की भागीदारी के बिना निकाला गया.

वहीं मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्‍तों को कोरोना वैक्‍सीन की दोनों डोज लगवानी होगी. उन्‍हें वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या कोविड टेस्ट रिपोर्ट एंट्री के समय दिखानी होगी. मंदिर को फिर से खोलने से पहले पुलिस और अधिकारियों को इन सबकी जानकारी दी गई है.

कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सभी भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी. जबकि सफाई के लिए शनिवार और रविवार को मंदिर बंद रखा जाएगा.

पुरी के बाहर के श्रद्धालुओं को कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र या 96 घंटों के भीतर की गई कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. उन्हें आधार कार्ड जैसा सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र भी साथ रखना होगा.

 

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