बिहार के मुजफ्फरपुर में सामने आए के हनीट्रैप मामले में अब एक ‘निर्दोष’ के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की गई है। अब तक हुई जांच में जो बातें सामने आई हैं उनके मुताबिक इस शख्स का कसूर सिर्फ इतना है कि वह हनी ट्रैप में फंसे रवि के साथ एक ही कमरे में रहता था। वह भी रवि के साथ विभाग में लिपिक पद पर कार्यरत था। हालांकि पुलिस उसे पहले ही पूछताछ के बाद क्लीनचिट देकर छोड़ चुकी है, जबकि विभाग ने रवि के साथ उसे भी निलंबित कर दिया है।
दोनों लिपिक के निलंबन के आदेश जारी
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की महिला हैंडलर सान्वी शर्मा (छद्म नाम) के हनी ट्रैप में फंसकर उसे रक्षा से जुड़ी दस्तावेज उपलब्ध कराने में गिरफ्तार कटरा निबंधन कार्यालय के लिपिक रवि चौरसिया को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, एक मकान में उसके साथ रहने वाले निबंधन कार्यालय के एक अन्य लिपिक मुन्ना कुमार पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
विदित हो कि चेन्नई के अवाडी स्थित रक्षा मंत्रालय के भारी वाहन कारखाने में रवि चौरसिया 2018 से 19 अगस्त, 2022 तक लिपिक पद पर कार्यरत था। कंप्यूटर पर ड्यूटी के दौरान मिलने वाली गोपनीय दस्तावेज वह आईएसआई एजेंट को बेच देता था। उसकी नौकरी मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में होने के बाद उसने वहां इस्तीफा दे दिया। 29 अगस्त से वह जिले के कटरा निबंधन (सब रजिस्ट्रार) कार्यालय में लिपिक पद पर कार्य कर रहा था।
गोपनीय दस्तावेज आईएसआई एजेंट को भेजने के कारण वह खुफिया एजेंसी के रडार पर आ चुका था। वहां से मिले इनपुट पर उसे बुधवार की शाम कटरा स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ उसी मकान में रहने वाले दूसरे लिपिक मुन्ना कुमार को भी पुलिस साथ ले गई। रवि के मोबाइल में गोपनीय दस्तावेज मिलने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वहीं, मुन्ना को छोड़ दिया, मगर विभाग ने इस मामले में दोनों को निलंबित कर दिया है। दोनों को फिलहाल दोषी माना गया है।
रवि के खाते में लखनऊ लोकेशन के मोबाइल से भेजी राशि
रक्षा मंत्रालय के भारी वाहन निर्माण कारखाना, अवाडी, चेन्नई में काम करने के दौरान पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई की महिला हैंडलर के हनी ट्रैप में रवि चौरसिया फंस गया। वर्तमान में कटरा निबंधन कार्यालय में कार्यरत लिपिक रवि महिला हैंडलर सान्वी शर्मा (छद्म नाम) की सुंदरता पर मोहित हो गया। उससे वीडियो काल पर बात के बाद उसके जाल में फंसता गया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में रवि ने कहा कि सान्वी ने पांच से छह बार उसके खाते में आनलाइन रुपये भेजे। उस समय उसका मोबाइल लोकेशन लखनऊ में मिला। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि लखनऊ से ही राशि का ट्रांजेक्शन किया गया। रवि ने बताया कि वह कई बार राशि लेने से इन्कार भी करता था, मगर फिर भी वह खाते में भेज देती थी। वह कहती थी, क्या फर्क पड़ता है। शादी तुमसे ही करनी है।
बस एक बार सेना में नौकरी मिल जाए। इसके बाद शादी कर लेंगे। यह कहकर वह उससे रक्षा से जुड़ी जानकारियां मांगती थी। उसने कहा, सान्वी बहुत सुंदर है। फेसबुक पर दोस्ती के बाद उससे वाट्सएप पर भी बात होती थी। वीडियो काल के बाद उसकी सुंदरता पर वह मोहित हो गया। इसके बाद वह उसकी जाल में फंस गया। वह बार-बार शादी करने का प्रलोभन देती रही।
वि ने पूछताछ के दौरान कहा कि मना करने पर भी राशि भेजने और बार-बार शादी का प्रलोभन देने की बात पर उसे शक होने लगा। इसके बाद वह उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। बातचीत बंद की। बाद में उसे ब्लॉक भी कर दिया। पूछताछ के दौरान रवि ने यह जताने की कोशिश की कि उसने यह काम अनजाने में ही कर दिया। जब उसको इसका अहसास हुआ तो उसने कथित एजेंट से खुद को दूर करने के सभी प्रयास किए, लेकिन किसी न किसी माध्यम से वह संपर्क स्थापित कर ही लेती थी। इसका परिणाम एसटीएफ की कार्रवाई के तौर पर हुआ।
रोक के बाद भी कारखाने के अंदर स्मार्टफोन लेकर चला जाता था रवि
आईएसआई की हैंडलर सान्वी शर्मा (छद्म नाम) के प्रेम में रवि चौरसिया इस कदर डूबा था कि उसे रक्षा मंत्रालय के चेन्नई के अवाडी स्थित भारी वाहन कारखाना का नियम भी याद नहीं रहा। इस कारखाना के अंदर स्मार्ट फोन ले जाने व इसकी फोटो खींचने की मनाही थी। उसने पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति में कहा है कि इस मनाही के बाद भी वह चोरी-छिपे स्मार्ट फोन लेकर कारखाने के अंदर चला जाता था।
स्मार्टफोन से वह कारखाने के अंदर की तस्वीरें खींच लेता था और सान्वी के वाट्सएप एवं इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भेज देता था। बदले में उसके बैंक खाते में सान्वी रुपये भेजती थी। पुलिस ने उसके पास से एक्सिस बैंक, यूनियन बैंक, एसबीआइ का एक-एक डेबिट कार्ड व एक्सिस बैंक का एक क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड व स्मार्ट फोन जब्त किया है।
रवि चौरसिया के कई बैंक खातों में ट्रांजेक्शन
रक्षा मंत्रालय के चेन्नई के अवाडी स्थित भारी वाहन निर्माणी कारखाना में लिपिक पद पर रहते आईएसआई की महिला हैंडलर सान्वी शर्मा (छद्म नाम) को गोपनीय सूचनाएं व फोटो बेचने के आरोपित रवि चौरसिया के कई बैंक खातों का पुलिस को पता चला है। पुलिस को इनमें अब तक हुए ट्रांजेक्शन की भी जानकारी मिल गई है। इसमें अधिकांश बैंक खाते अवाडी के हैं। इस जानकारी के आधार पर आगे की जांच की जा रही है।
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस अधिकारी ने इसे बेहद संवेदनशील मामला बताते हुए कुछ भी बताने से इन्कार किया है। रवि से पूछताछ में पुलिस को काफी जानकारियां मिली हैं। पुलिस उसके मोबाइल का सीडीआर भी खंगाल रही है। पुलिस यह पता लगा रही है कि वह और किन-किन लोगों के संपर्क में था।
रवि से पूछताछ व उसके बैंक खातों में ट्रांजेक्शन को लेकर आइबी अधिकारी काफी सक्रिय हैं। वे लगातार मुजफ्फरपुर पुलिस के संपर्क में हैं। आइबी अधिकारी रवि से मिली जानकारी के आधार पर आगे की जांच कर रहे हैं। वहीं, रक्षा संबंधी सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एजेंट भेजने को लेकर एनआइए ने मुजफ्फरपुर पुलिस से संपर्क नहीं किया है।
एक बार हफ्ते भर के लिए कटरा से घर गया था रवि
आईएसआई की महिला एजेंट को रक्षा संबंधी गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराने में गिरफ्तार कटरा निबंधन कार्यालय के लिपिक रवि चौरसिया की गिरफ्तारी पर शनिवार को कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। उधर, चौक-चौराहे व दुकानों में एक ही बात की चर्चा थी, दिखने में मासूम लिपिक ने कैसे पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट को देश की सुरक्षा से जुड़ी दस्तावेज बेच दिया।
28 नवंबर को हुई थी शादी
रवि ने निबंधन कार्यालय के पास ही अपने एक सहकर्मी मुन्ना कुमार के साथ मिलकर एक फ्लैट किराए पर ले रखा था। इसका मासिक किराया पांच हजार समय से भुगतान कर देता था। जिस फ्लैट में रहता था, उसमें पार्टीशन दीवार बनाकर दो कमरे किए गए हैं। इसमें दोनों रहते थे। 29 अगस्त को निबंधन कार्यालय में योगदान के बाद महज एक बार वह घर गया था।
पिछले ही माह 28 नवंबर को उसकी शादी हुई थी। इस मौके पर लगभग एक सप्ताह घर पर गुजारने के बाद वह कटरा लौट आया था। यहां आने के बाद उसने अपने रूम पार्टनर मुन्ना कुमार को बताया था कि खरमास के बाद पत्नी को भी लाना है, इसलिए आप दूसरा कमरा ले लीजिएगा।
गिरफ्तारी के लिए टोह में रही थी एसटीएफ की टीम
रवि की गिरफ्तारी की सूचना शुक्रवार को पुलिस ने जारी की, मगर उसे बुधवार को ही एसटीएफ ने दबोच लिया था। बुधवार को रवि की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीम दिन भर उसके निवास स्थल का मुआयना करती रही। पहले निवास स्थान का गुप्त रूप से पता लगाया। फिर टीम उसके निबंधन कार्यालय से बाहर निकलने का इंतजार करती रही।
जैसे ही रवि आफिस से निकल कर आवास पहुंचा, पुलिसबल भी पीछा करते हुए पहुंच गया। वहां कमरा खाली पाया। इसके बाद छत की ओर जाने पर वहां रवि मिल गया। टीम उसे रूम पार्टनर के साथ थाने पर ले गई। फिर दोनों की आंखों पर पट्टी बांधकर अलग-अलग वाहनों में बैठाकर जिला मुख्यालय की ओर प्रस्थान कर गई। वहां पूछताछ में निर्दोष पाए जाने पर रवि के रूम पार्टनर को पट्टी बांधकर कटरा पहुंचाकर छोड़ दिया।
रवि का कहीं नहीं था आना-जाना
लोग बताते हैं कि रवि कभी आसपास की दुकानों पर चाय पीने भी नहीं जाता था। खाना स्वयं अपने कमरे में ही बनाता था। उसकी कोई भी गतिविधि ऐसी नहीं थी, जिससे संदेह पैदा है।