बिहार का दरभंगा सांस्कृतिक रुप से काफी एतिहासिक है. यहां पर कई मंदिर काफी प्राचीन है. इसमें से एक है छठी शताब्दी का शिवलिंग और 12वीं शताब्दी का भगवान विष्णु और ब्रह्मा की प्रतिमा. शहर के बीचोबीच स्थित महाराजधीराज लक्ष्मेश्वर सिंह संग्रहालय में महाराज से जुड़ी वस्तु के अलावा वैसे तमाम पौराणिक चीजों के संग्रह भी किए गए हैं, जो खुदाई के वक्त जमीन के अंदर भूगर्भ से निकली हुई है.
ऐसे में इस संग्रहालय में छठी शताब्दी, 12वीं शताब्दी और 13वीं शताब्दी से जुड़ी पौराणिक मूर्तियां मौजूद है. जिसमें शिवलिंग, ब्रह्मा की प्रतिमा विष्णु की प्रतिमा अर्धनारीश्वर तमाम ऐसे प्रतिमाएं यहां पर मौजूद हैं. यह तमाम पौराणिक प्रतिमाएं तालाब की खुदाई सड़क निर्माण या फिर नाले की खुदाई के दौरान मिली हुई है. वह भी यहां पर रखे गए हैं खास करके पाषाण प्रतिमाओं को हम यहां पर देख सकते हैं
यहां से मिली है कई मूर्तिया
पाषाण प्रतिमा में यहां पर एक भगवान विष्णु की प्रतिमा है. यह खंडित प्रतिमा आंध्राठारी मधुबनी जिले से प्राप्त की गई है. इस तरह यहां पर एक ब्रह्मा जी की प्रतिमा है, जो जाले दरभंगा से प्राप्त की गई है.एक और विष्णु की पूर्ण प्रतिमा है. जो दरभंगा जिले के ओझौल गांव से प्राप्त हुई है. यहां छठी शताब्दी का शिवलिंग है जो की कुशेश्वर स्थान से प्राप्त कियागयाहै. ऐसे तमाम संग्रह पौराणिक चीजों का यहां पर मौजूद है जो आज के युवा पीढ़ी सदियों पुरानी इन चीजों को देख सकते हैं.
मिलेगी अद्भूत जानकारी
विशेष जानकारी देते हुए संग्रहालय अध्यक्ष शंकर सुमन बताते हैं कि यहां पर कई क्षेत्र के लोग हैं. खासकर जो दर्शक हैं उनके साथ-साथ यहां पर जो शोधार्थी हैं. जो खास करके इतिहास और पुरातत्व के छात्र हैं, उनके लिए बहुत ही अच्छा है. यहां पर उनको विशेष जानकारियां मिलती है.पौराणिक चीजों को देखने के लिए भी मिलता है. महाराजधीराज लक्ष्मेश्वर सिंह संग्रहालय यह महाराज के कलेक्शन के लिए जाना जाता है, लेकिन उसके साथ-साथ यहां पर बहुत सारे ऐसी भी पौराणिक चीज हैं जो दरभंगा के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त किए गए हैं