मुजफ्फरपुर के सकरा वाजिद पंचायत के लोग अब LPG नहीं, गोबर गैस से खाना पकाएंगे. जी हां, इसकी शुरुआत भी हो गई है. सरकार की मदद से 49.92 लाख रुपए की लागत से यहां कुकिंग बायोगैस संयंत्र लगाया गया है. इसमें प्रतिदिन 17 kg गैस तैयार किया जाता है, जिसे प्लांट के 200 मीटर के दायरे के 22 घरों तक पाइपलाइन के माध्यम से आपूर्ति की जाती है. गैस बनाने के लिए गोबर गांव के लोगों से फ्री में मिल जाता है. जबकि गैस तैयार होने के बाद दो घंटा सुबह और दो घंटा शाम को आपूर्ति की जाती है. यहां के मुखिया अजय कुमार की माने तो गैस की आपूर्ति फ्री में की जाती है.
22 घरों में दिया गया है कनेक्शन
मुखिया अजय कुमार बताते हैं कि बायोगैस का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए भी फ्रेंडली है. ऐसे में इसको बनाने के लिए प्रमुख चीज गोबर है. जिसकी उचित मात्रा में उपलब्धता गांव में है. प्रायोगिक तौर पर जिन 22 घरों में गैस की आपूर्ति की जा रही है, उनमें से अधिकांश के पास मवेशी है.अजय कुमार बताते हैं कि अभी शुरुआती दौर में बायोगैस प्लांट की क्षमता केवल 20 से 25 घर में गैस उपलब्ध कराने की है. आगे उनका प्रयास रहेगा कि सरकार की मदद से इतना बड़ा संयंत्र विकसित हो कि पूरे पंचायत में नि:शुल्क गोबर गैस की उपलब्धता हो सके.
17 kg गैस का हर दिन होता है उत्पादन
मुखिया अजय कुमार कहते हैं कि वर्तमान समय में केवल 22 घरों में गोबर गैस की सप्लाई हो रही है. इसके लिए गोबर की पर्याप्त उपलब्धता हो जाती है. लेकिन जैसे-जैसे इस प्लांट का विस्तार होगा, लाभुक घरों की संख्या भी बढ़ जाएगी. हालांकि यह सरकार की योजना है, तो सरकार के निर्देश और गाइडलाइन के अनुसार ही काम किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि गोबर से तैयार गैस पूरी तरह से प्राकृतिक है. इसका इस्तेमाल ईको फ्रेंडली है. अजय कुमार बताते हैं कि इस प्लांट से तकरीबन 17 किलो बायोगैस का उत्पादन रोजाना हो रहा है, जो 22 घरों के गैस स्टोव तक सीधा सप्लाई किया जा रहा है.