इस समय खरीफ की फसलों की खेती का मौसम है. इन फसलों में पानी की अधिक जरूरत होती है. ऐसे में किसान मुख्य फसलों से इतर कई वैकल्पिक खेती में हाथ अजमा रहे जैसे सब्जी की खेती, फलों की खेती. इसी में एक फसल केले की भी है. जिसे मुनाफे वाली खेती माना जाता है. ऐसे में बिहार के कई किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर केले की खेती की तरफ रूख कर रहे हैं. किशनगंज के डेरामारी ग्राम के रहने वाले हसीबूल रहमान इस वर्ष एक बीघे में केले की खेती किये है. जिसमें 1-2 लाख रुपये प्रति बीघा तक का मुनाफा का अनुमान बताया जा रहा है.
प्रति बीघा 1-2 लाख रुपये तक का मुनाफा
किशनगंज के डेरामारी के रहने वाले हसीबूल रहमान ने बताया कि वह एक बीघे में केले की खेती की है. अगर आंधी-तूफान से बच गए तो मोटे अनाज की तुलना में अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है. प्रति बीघा वह इससे सालाना 1-2 लाख तक का मुनाफा कमा लेते हैं. मार्केट की स्थिति अगर थोड़ी और बेहतर होती है तो ये मुनाफा बढ़ जाता है.
ऐसे लगाएं पौधा
हसीबूल रहमान ने बताया कि केले की खेती करते समय वह पौधे से पौधे की दूरी 6 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 9 फीट लेते हैं. वहीं एक बीघे में लगभग 600-650 पौधे लगाते हैं. एक पौधे पर 100 रुपया खर्च होता है. वहीं एक पौधे से 300-350 रुपया तक बचत आसानी से हो जाती है.
1 साल में केले का फसल होता है तैयार
उत्पादन की बात करें तो केले को तैयार होने में लगभग 1 वर्ष लग जाते हैं. केले के फसल की खास बात यह कि यह उस मिट्टी में भी आसानी से ऊपज रही है जो मिट्टी धान गेहूं के उपयुक्त नहीं है. ऐसे में किसान मुख्य फसलों के साथ-साथ 1-2 एकड़ केले की फसल आसानी से कर सकता है. वहीं एक पौधा कम से कम 5 साल तक फल देता है.