किसी ने सही कहा है ‘तुम कोशिश तो करो वक्त के साथ सफलता मिल ही जाएगी’. ऐसी ही कहानी है भागलपुर के नाथनगर के रहने वाले अनिल कुमार की. अनिल को पेंटिंग बनाने का बहुत शौक है. बचपन से ही अनिल पेंटिंग बनाया करते थे. लेकिन सबसे खास बात यह है कि अनिल कानों से सुनने में थोड़ा असमर्थ हैं. मशीन के माध्यम से वो सुनते हैं.
लेकिन अनिल कुमार ने बिना देखे व बिना ब्रश के मदद से पेंटिंग तैयार कर दी. कोई भी पेंटिंग बिना ब्रश का बनाना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन उन्होंने बिना ब्रश के माध्यम से 450 मीटर लम्बी पेंटिंग तैयार कर दी.
पत्नी बताती गई वह बनाते गए
अनिल ने कई तरह की पेंटिंग बनाई है. पेंटिंग के साथ-साथ आर्ट भी तैयार करते हैं. वह कभी देवघर नहीं गए. रास्ता भी नहीं देखा, लेकिन बना दी पेंटिंग. अनिल कुमार ने बताया कहा, ‘मैं कभी भी देवघर नहीं गया हूं. न ही उधर का रास्ता देखा हूं. मेरी पत्नी देवघर गयी थी. उसने पूरा दृश्य बताया और मैं बनाता चला गया. इस श्रावणी मेला की पेंटिग को पूरा करने में मुझे करीब 1 महीना लगा’.
अंग क्षेत्र के कई पेंटिंग को कर चुके हैं तैयार
पेंटर ने बताया कि अंग क्षेत्र के कई चीजें पेंटिंग के माध्यम से बनाई है. इसमें सबसे अलग करने के लिए बिना ब्रश के पेंटिंग को बना दिया. यह पेंटिंग कपड़ा व फोम के माध्यम से तैयार किया गया. उन्होंने बताया कि कई जगहों पर सम्मानित भी किया गया है. पेंटिंग को खूब सराहा भी गया है.