किसानों को खेती के उन तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिनसे खेती की लागत कम हो और आमदनी ज्यादा हो. समेकित कृषि प्रणाली भी ऐसा ही मॉडल है. इसमें एक ही खेत में फसल उगाने, खाली बचे खेत में पशुपालन करने, तालाब बनाकर मछली पालन और घर के पीछे मुर्गी पालन करने की सलाह दी जाती है.गया के एक ऐसे ही किसान हैं जो पिछले 3 साल से इंटीग्रेटेड फार्मिंग कर रहे हैं और महीने का लगभग 40 हजार तक कमाई कर रहे हैं.
तीन बीघा खेत में मुर्गी, मछली, गाय और बत्तख पालन के साथ करते हैं जैविक खेती
58 वर्षीय किसान सुरेंद्र प्रसाद मेहता ने गया शहर के चंदौती इलाके में तीन बीघा में फॉर्म हाउस बनाया है. इसमें मुर्गी पालन के साथ-साथ मछली पालन, गाय पालन, बत्तख पालन और जैविक विधि से सब्जी की खेती कर रहे हैं. समेकित खेती से इन्हें सालाना लगभग 4 से 5 लाख रुपए तक की कमाई हो रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हें मार्केटिंग के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता है. लोग खुद इन के फॉर्म हॉर्स पर पहुंच जाते हैं और शुद्ध सब्जी, मछली, मुर्गा आदि खरीद लेते हैं.
वर्मी कंपोस्ट का करते हैं इस्तेमाल
किसान सुरेंद्र प्रसाद मेहता बताते हैं कि गाय के गोबर का वर्मी कंपोस्ट तैयार कर सब्जी की खेत में डालते हैं. दूध होता है सो अलग.जबकि मुर्गी और बत्तख पालन से इन्हें दोहरा मुनाफा हो जाता है. मुर्गी और बत्तख के बीट का इस्तेमाल मछली पालन के लिए करते हैं. आज इनके फॉर्म हाउस पर विभिन्न तरह की जैविक सब्जियों का उत्पादन हो रहा है. वे बताते हैं किलगभग 2 बीघा में सब्जियों की खेती कर रहे हैं. गया शहर के आसपास रहने वाले लोग अगर शुद्ध सब्जी और मांस-मछली खरीदना चाहें तो इनके मोबाइल नम्बर- 9631332679 पर संपर्क कर सकते हैं.