इंडो-नेपाल बॉर्डर के समानांतर राज्य में बननेवाले टू लेन सड़क का निर्माण 2019 तक पूरा होगा। सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए संबंधित जिले के जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को मुआवजा राशि उपलब्ध करा दी गयी है। सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 1655 करोड़ राशि मंजूर की है।
पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने इंडो-नेपाल बॉर्डर के समानांतर बननेवाली टू लेन सड़क निर्माण की अधिकारियों के साथ समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सात जिलों से होकर गुजरने वाली 679 किलोमीटर सड़क के निर्माण का पूरा खर्च भारत सरकार वहन करेगी,जबकि भू-अर्जन के मद की राशि राज्य सरकार देगी।
राज्य सरकार ने इसके लिए 2242 करोड़ रुपयेआवंटित किया है। बिहार-यूपी सीमा से सटे पश्चिम चंपारण के गोबरहिया के निकट मदनपुर से प्रारंभ होकर यह सड़क किशनगंज के गलगलिया के निकट बंगाल बॉर्डर के पास समाप्त होगी।
सामरिक दृष्टिकोण व स्थानीय लोगों के सामाजिक, आर्थिक उत्थान की दिशा में इस सड़क का महत्वपूर्ण स्थान है। 552किलोमीटर सड़क का निर्माण स्टेट हाइवे के अनुरूप टू-लेन में किया जा रहा है। शेष 127 किलोमीटर नेशनल हाइवे है, जिसके चौड़ीकरण व मरम्मत का कार्य प्रगति पर है।
मंत्री ने जमीन अधिग्रहण के लिए राशि संबंधित जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को उपलब्ध कराने के बावजूद मात्र 60 प्रतिशत जमीन मिलने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों से इस दिशा में कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया।
बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त आवश्यक पुल-पुलियों के निर्माण के लिए एस्टीमेट देने व आवश्यक पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार कर अविलंब मुख्यालय को समर्पित करने के लिए कहा गया। उन्होंने राज्य योजना (नाबार्ड) के अंतर्गत बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन 121 लघु व वृहद् पुलों के निर्माण की समीक्षा की।
पुल निर्माण निगम व पथ निर्माण विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों को सड़क का संयुक्त निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया कि कोई भी निर्मित पुल बिना पहुंच पथ का नहीं रहे। समीक्षा बैठक में विभागीय प्रधान सचिव अम़त लाल मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।