ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए हर एक किलोमीटर पर 1660 कंक्रीट स्लीपर बिछाई जा रही है। जबकि पहले ट्रैक पर एक किलोमीटर में 1540 कंक्रीट स्लीपर बिछाई जाती थी। यानी पहले की अपेक्षा अब 120 स्लीपर अधिक बिछ रही है। नई स्लीपर 457 किलो की है। रेलवे की कोशिश है कि एक्सप्रेस ट्रेनों को अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाए।
किऊल और गया के बीच भी इसी क्षमता की स्लीपर और पटरी बिछाई जाएगी। इस रेल लाइन के दोहरीकरण का काम शुरू हो गया है। दानापुर रेल मंडल में भी ट्रेन की स्पीड बढ़ाई जाएगी। इसके लिए पटरियों को मजबूत बनाया जा रहा है। ताकि ट्रेन 160 किलो मीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल सकें।
इस मंडल में अभी 40 प्रतिशत पटरियां 52 किलो क्षमता वाली हैं। 60 प्रतिशत ट्रैक पर 60 किलो क्षमता वाली पटरी बिछा दी गई है। मुगलसराय-पटना-हावड़ा रूट में 80 प्रतिशत ट्रैक दुरुस्त हो गया है। मुगलसराय डीएफसीसीआईएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक आरके सिन्हा ने बताया कि ट्रेनों की संख्या अधिक होने से पटरियों पर दबाव बढ़ रहा है। इसलिए पटरियों को मजबूत बनाया जा रहा है।
110 किमी की स्पीड से चलेगी मालगाड़ी :
मालगाड़ीको 80 की जगह 110 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलाने की तैयारी है। लुधियाना से बंगाल के धनुकी तक करीब 1400 किलोमीटर में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहा है। एक मीटर पर 52 की जगह 60 किलो क्षमता वाली पटरी बिछाई जा रही है। इससे दूसरे राज्यों से सामान मंगाने और भेजने वाले व्यापारियों को समय की बचत होगी।