ना खाने को मिलता, ना पढ़ने को। पत्र लिखने पर भी मनाही थी।
देश के बंटवारे बाद सुभद्रा पाकिस्तान में रह गयीं। वे बिहार सरकार फैसले से बहुत खुश हैं। बिहार सरकार ने देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने की योजना बना कर बहुत बड़ा संदेश दिया है।