इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत ने अपने नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा देने के फैसले को चुनौती दी है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र की एक अहम समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान की सैन्य अदालतों के काम-काज पर चिंता व्यक्त की है।
समिति ने मिलिटरी कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा है कि जाधव जैसे मामलों की सुनवाई सिविल कोर्ट में होनी चाहिए लेकिन फर्जी तरीके से उसे सैन्य अदालत में लाया गया। समिति ने कहा है कि मिलिटरी कोर्ट सेना का हिस्सा होने की वजह से आजाद नहीं है लिहाजा सिविलियन से जुड़े मामले सिविल कोर्ट में चलाए जाए।
‘यूएन कमिटी अगेंस्ट टॉर्चर’ की पिछले हफ्ते प्रकाशित रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जाहिर की गई है कि पाकिस्तान सरकार ने मिलिटरी कोर्ट आतंकवाद से जुड़े अपराधों के मामले में सिविलियंस के ट्रायल का अधिकार दिया है।