लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया की बैटिंग का आलम यह रहा कि पहली पारी में वह महज 35.2 ओवर में आउट होकर पेवेलियन जा बैठी. दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज 47 ओवर ही बल्लेबाजी कर पाए और 130 के स्कोर पर ढेर हो गए. इंग्लैंड ने मैच में अपनी पहली पारी 7 विकेट पर 396 रन बनाकर घोषित की थी. वर्ष 1974 के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ‘क्रिकेट के मक्का’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान में पारी के अंतर से मैच हारी.
इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा है. बारिश के कारण मैच के पहले दिन का खेल पूरी तरह से से धुल गया था. दूसरे दिन का खेल भी बारिश से बुरी तरह प्रभावित रहा. बारिश की इस बाधा के बीच भी भारतीय टीम चौथे दिन एक पारी 159 रन से मैच हार गई और उसे पांच टेस्ट की सीरीज में 0-2 से पिछड़ना पड़ा है. मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया. पहली पारी में टीम 107 और दूसरी पारी में 130 रन बनाकर आउट हो गई. मैच में टीम इंडिया की बैटिंग का आलम यह रहा कि पहली पारी में वह महज 35.2 ओवर में आउट होकर पेवेलियन जा बैठी. दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज 47 ओवर ही बल्लेबाजी कर पाए और 130 के स्कोर पर ढेर हो गए. इंग्लैंड ने मैच में अपनी पहली पारी 7 विकेट पर 396 रन बनाकर घोषित की थी. वर्ष 1974 के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ‘क्रिकेट के मक्का’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान में पारी के अंतर से मैच हारी.
भारतीय टीम अब तक लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 18 मैच खेली है जिसमें से 12 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. दो मैच में उसे जीत मिली है जबकि चार मैच ड्रॉ समाप्त हुए हैं. भारतीय टीम इस मैच से पहले, आखिरी बार वर्ष 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ पारी के अंतर से हारी थी. तब उसे एक पारी और 285 रन के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का यह दूसरा टेस्ट मेजबान टीम के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के लिए खास रहा. पहली पारी में उन्होंने 20 रन देकर पांच विकेट हासिल किए जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 23 रन देकर चार बल्लेबाजों को आउट किया. मैच में उन्होंने चार विकेट हासिल किए. मैच में एंडरसन ने लॉर्ड्स ग्राउंड पर 100 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की. किसी एक मैदान पर ‘विकेटों का शतक’ लगाने वाले वे दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं. उनके अलावा श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन ही यह कारनामा कर पाए हैं. मुरली ने कोलंबो के सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड पर 166, कैंडी ग्राउंड पर 117 और गाले में 111 विकेट हासिल किए हैं. एंडरसन की बात करें तो लॉर्ड्स में अब तक वे 103 विकेट हासिल कर चुके हैं
मैच इसकदर एकतरफा रहा कि भारतीय टीम दोनों पारियों को मिलाकर 82.2 ओवर ही खेल पाई. भारतीय टीम इससे पहले, वर्ष 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ ही मैनचेस्टर में दोनों पारियों में 58.1 ओवर में ही आउट हो चुकी है. टीम वर्ष 1996-97 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में 73.2, 2006-07 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में 74 और वर्ष 2002-03 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दोनों पारियों में कुल 82.1 ओवर में आउट हो चुकी है.