पटना: बिहार सरकार के श्रम विभाग में कार्यरत 1222 अनुबंध कर्मियों ने आज जमकर हंगामा किया. उनका आरोप है कि उन्हें बिना किसी सूचना के तत्काल नौकरी से निकाल दिया गया है. भारी संख्या में अनुबंध कर्मियों ने श्रम विभाग के दफ्तर परिसर में धरना प्रदर्शन किया. अनुबंध कर्मियों का आरोप है कि उन्हें अतिथि अनुदेशक पद से विभाग ने तत्काल प्रभाव से अनियमितता का आरोप लगाकर निकाल दिया है.
गुस्साये कर्मचारी जब श्रम विभाग का घेराव करने निकले, तो उन्हें पुलिस ने रोक दिया और इस बीच काफी हो हंगामा हुआ. हंगामा कर रहे कर्मियों का कहना है कि आखिर उन्हें बिना बताये हुए क्यों निकाला गया. सरकार जवाब दे. कर्मचारियों ने मीडिया से कहा कि हमारी मांग यह है कि हम अपनी नियुक्ति वापस चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अचानकर शुक्रवार को एक पत्र आया और कहा गया कि सभी कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया गया है. नियोजन भवन में विरोध प्रदर्शन कर रहे आईटीआई अनुदेशकों को पुलिस ने कैंपस खाली करने को कहा तब स्थिति बिगड़ने लगी. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. कई अनुदेशकों को हिरासत में लिया गया है.
कर्मचारियों का कहना है कि वह विभाग में डेढ़ साल से काम कर रहे थे, कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि विभाग द्वारा समय पर वेतन भुगतान नहीं किया जाता है. छह महीने से उन्हें वेतन तक नहीं मिला है. श्रम संसाधन विभाग में यह कर्मचारी अनुबंध पर काम कर रहे थे. विभाग का कहना है कि कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितता बरती गयी है, इसलिए इन सभी को हटाया जा रहा है. वहीं अनुबंध कर्मियों का कहना है कि जिसने अनियमितता की है, जांच कर उसे हटाया जाये. सभी कर्मचारियों को हटाने का कोई मतलब नहीं बनता है. सभी कर्मचारी श्रम विभाग के मंत्री और सचिव से मुलाकात करने पर अड़े हुए हैं.