भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां इंसान के लिए खुद के लिए खाली वक्त निकालना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं, गया शहर के युवाओं ने एक अनूठी पहल करते हुए गरीब तबके के बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. 7 युवाओं की टोली मिलकर एक मुफ्त पाठशाला चला रहे हैं. शहर के पंचायती अखाड़ा मोहल्ले के लगभग 60 बच्चों को मुफ्त पढ़ा रहे हैं. जिसमें अत्यंत पिछड़े वर्ग से आने वाले बच्चे जो शिक्षा से काफी दूर थे, उन्हें अक्षर ज्ञान की जानकारी भी नहीं थी. वैसे बच्चों का सर्वे करने के बाद एक परीक्षा आयोजित की गई. कमजोर बच्चों को शिक्षा से जोड़कर बच्चो में उम्मीद की नई किरण जगाने का काम किया जा रहा हैं.

सात युवाओं में कोई पेशे से इंजीनियर हैं तो कोई बिजनेस मैन, तो कोई शिक्षक. इन युवाओं ने खुद का पैसे लगाकर पाठशाला की शुरुआत की. अब धीरे-धीरे शहर और मुहल्ले के लोगों से सम्पर्क कर रोजाना 2 रुपये प्रति व्यक्ति इकट्ठा किया जा रहा है. पंचायती अखाड़े में ही पाठशाला चलाई जा रही है. जहां शाम 4 बजे से बच्चों को पढ़ाया जाता है. फिलहाल इनकी पाठशाला में वर्ग 3 से 8वीं तक के छात्र- छात्राएं पढ़ाई कर रहें हैं. लेकिन यहां वर्ग 10वीं तक की पढाई मुफ्त कराई जाती है. युवाओं की टोली में इंजनियर सक्लैन अहमद, इंजनियर अब्दुल बासित, तारिक अनवर, मो.नियाजुद्दीन, मो. हसनैन, मो सैफउल्लाह, मो.सादाब और मो.सम्मीउल्लाह खान शामिल है.
आज 60 बच्चों को पढ़ाया जा रहा मुफ्त
मुफ्त एजुकेशन सेंटर का संचालन कर रहे इंजनियर अब्दुल बासित और खुद का व्यवसाय करने वाले तारिक अनवर बताते हैं कि मुहल्ले में कई बच्चे ऐसे थे जो शिक्षा से वंचित थे. कई बच्चे ऐसे थे जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है. उसके बाद हमलोगों ने सर्वे कराया और गया टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन का आयोजन किया. जिसमें 53 बच्चे शामिल हुए. परीक्षा से यह बात निकल कर सामने आई कि कई बच्चों को अक्षर ज्ञान की जानकारी भी नहीं है. उनका बेसिक बहुत कमजोर था, जिसके बाद हमलोगों ने अपने पैसे से मुफ्त पाठशाला का संचालन शुरु किया. आज 60 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.