हमारे हिन्दू धर्म में दान का विशेष महत्व है. जिसके करने से हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है. हर त्यौहार में गरीबों को दान देने की बात कही गई है. दान उसे कहते है जिसे देने के बाद उसे याद ना किया जाए. हिन्दू धर्म में गौ-दान से लेकर कन्यादान तक की परम्परा है. और इसमें यह भी कहा गया है कि हमारी कमाई का 10वां हिस्सा गरीबों को दान देने के लिए होता है ऐसा हमारे धर्म में कहा गया है. जब भी दान की बात है कर्ण का दान सबसे पहले लिया जाता है।
शास्त्रों में दान देने के बारे में विस्तार से बताया गया है। दान के बारे में कहा जाता है कि दान देने के लिए हमें प्रकृति से सीख लेनी चाहिए, जिस तरह वृक्ष परोपकार के लिए फल देते हैं, नदियां परोपकार के लिए फल देती हैं उसी तरह मनुष्य को भी दान करना चाहिए। दूसरों की मदद करके जो शांति हमें मिलती है उसका कोई मूल्य नहीं होता है।
शास्त्रों में भी दान का बहुत महत्व बताया गया है.
- दान को पुण्य का काम माना जाता है.
- दान करने से इंसान के भीतर त्याग और बलिदान की भावना आती है.
- दान करने वाले भक्त पर सभी देवता खुश होते है और देवी- देवताओं की कृपा बरसती है.
- दान करने से व्यक्ति को संतुष्टि मिलती है.
- दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है.
- दान करने से हमारे द्वारा किए गई जाने-अनजाने पापों में मिलने वाले फल नष्ट हो जाते हैं.
दान के महत्व का वेदों और पुराणों में वर्णन किया गया है. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के हृदय में दया नहीं होती है वही दान नहीं कर सकता है. दान के बारें कहा जाता है कि दान हमेशा सीधे हाथ से ही करना चाहिए. सीधे हाथ से किए गए दान को शुभ माना जाता है. उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है.
हम अक्सर चीजों को दान करते है लेकिन श्राद्ध, संक्रांति, अमावस्या जैसे मौकों पर विशेषकर दान पुण्य किया जाता है। प्राय किन-किन चीजों का दान किया जाता है, वो यहां जान लेते हैं.
गो दान
हमारे हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा दान गौ दान माना गया है. जो सभी दान में श्रेष्ठ है. गौ दान करने से घर में सुख शांति के साथ धन-संपत्ति बनी रहती है.
अन्नदान
गरीबों के हम अन्नदान भी करते है जिसमें गेहूं, चावल का दान सही माना गया है. यह दान संकल्प सहित करने पर मनोवांछित फल देता है.
घी का दान
गाय का घी एक बर्तन में रखकर दान करने से घर की दरिद्रता दूर होती है. घर में शांति बनी रहती है.
तिल का दान
मानव जीवन के हर कर्म में तिल का महत्व है. खास कर के श्राद्ध और किसी के मरने पर. काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है.
वस्त्रों का दान
हर किसी खास चीजों पर वस्त्रों का दान करने की हिदायत दी जाती है. इस दान में धोती और दुपट्टा सहित दो वस्त्रों के दान का महत्व है. इससे घर के दोष दूर हो जाते है.
गुड़ का दान
गुड़ का दान कलह और दरिद्रता का नाश कर धन और सुख देने वाला माना गया है.
दान करने के दौरान हमें कुछ नियमों का पालन करना जरुरी है. कुछ ऐसी भी चीजें होती हैं जिनका दान करना शुभ नहीं होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी चीजे- वस्तुएं होती हैं जिनका सूर्यास्त के बाद दान करना बहुत ही अशुभ होता है. इसके साथ ही कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जिनको मंगाकर इस्तेमाल करना बेहद अशुभकारी होता है.
ऐसी चीजें हैं जिनका सूर्यास्त के बाद दान करना अशुभ होता है
- हल्दी को गुरु का करक माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद अर्थात शाम के समय में हल्दी का दान नहीं किया जाता है. यदि कोई शाम को हल्दी मांगने भी आये तो नहीं देना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती है. कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद जो भी दिया है उस चीज में बरकत नहीं होती है.
- दूध का सीधा संबंध चंद्रमा से होता है तथा इसको माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का कारक माना जाता है. सूर्यास्त के बाद दूध का दान देने से घर में धन की कमी होती है.
- दही को शुक्र का कारक माना जाता है. वास्तु के अनुसार इससे घर में सुख और समृद्धि आती है. जब सूर्यास्त के बाद दही का दान किया जाता है घर की सुख- समृद्धि चली जाती है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार शाम के समय में किसी से भी पैसे का लेनदेन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी रूठ जाती है. इससे घर में पैसों की दिक्कते शुरू हो जाती है.
- किसी भी व्यक्ति को बासी खाना खिलाने से पाप लगता है. घर दरिद्रता का वास होता है. इस लिए सदैव शुद्ध और तजा भोजन ही दान करना चाहिए.