दिन भर की मेहनत के बाद गरीब बच्चों को पढ़ते हैं IG मोहित अग्रवाल, कहा देश का भविष्य हैं ये बच्चे

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पुलिस की बदनाम छवि से हर कोई वाकिफ है। बद्तमीज, अक्‍खड़ और ना जाने किन-किन उपमाओं से नवाजी जाने वाली  उत्‍तर प्रदेश पुलिस में कुछ ऐसे अफसर भी हैं जो अपनी अनूठी कार्यप्रणाली को लेकर लोगों की सराहना के वास्‍तविक हकदार बनते हैं।

ऐसे ही एक पुलिस अफसर हैं गोरखपुर के आईजी मोहित अग्रवाल जिनकी एक अनोखी पहल ने उनके साथ-साथ पूरे पुलिस महकमे को चर्चा में ला दिया है। हालांकि इस बार ये चर्चा पुलिस की परंपरागत छवि से इतर है।

यूपी पुलिस में अब बदलाव दिखाई देने लगा है। हाथों में लाठी और जुबान पर गालियों वाली छवि के उलट गोरखपुर जोन के पुलिस मुखिया ने अब नई पहल की शुरुआत की है।

जी हां, आईजी मोहित अग्रवाल अब खाकी वाले मास्‍टर सा’ब की नई भूमिका में आ गये हैं। उन्‍होंने ना सिर्फ एक सरकारी विद्यालय को गोद लिया है बल्‍कि स्‍कूल में अब टीचर बनकर देश के नौनिहालों का भविष्‍य सुधारने में भी जुट गये हैं।

गोरखपुर पुलिस के मुखिया की इस नई भूमिका को देखकर हर कोई हैरान है। आईपीएस मोहित अग्रवाल जिला मुख्‍यालय से 12 किलोमीटर दूर स्‍थित पिपरौली के जीतपुर प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। यहां उन्‍होंने बच्‍चों को मैथेमेटिक्‍स की बारीकियों से परिचित कराया।

अच्‍छे बच्‍चों को खिलाई मिठाइयां :

तकरीबन एक घंटे तक गरीब बच्‍चों के गुरुजी बने आईजी मोहित अग्रवाल ने बच्‍चों को मिनट, घंटा, इकाई और चाल के बारे में पढ़ाया। इसके बाद उन्‍होंने बारी बारी से हर कक्षाओं का जायजा भी लिया।

 

पुलिस अधिकारी ने बच्‍चों से अपनी जानकारियों को साझा किया और तो और जिन बच्‍चों ने अच्‍छा परफॉर्मेंस दिखाया उन्‍हें उन्‍होंने अपनी तरफ से पुरस्‍कार स्‍वरूप मिठाइयां भी खिलाई।

कहा – हर हफ्ते आऊंगा :

आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि अब वह हर हफ्ते अपने विद्यालय में आकर बच्‍चों के साथ रूबरू होंगे। बच्‍चों को बेहतर भविष्‍य के लिए प्रेरित करेंगे और उन्‍हें सदाचार और साहस की सीख भी देंगे।

जोन के सभी पुलिस अफसरों को दिये निर्देश :

आईजी मोहित अग्रवाल ने गोरखपुर जोन के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वह भी अपने-अपने जिलों में कम से कम एक विद्यालय को गोद लें। वहां हफ्ते में एक बार बच्‍चों के साथ पठन-पाठन में हिस्‍सा लें।

यही नहीं बच्‍चों को अगर कोई दिक्‍कत है तो संबंधित जिला प्रशासन से मिलकर उसका निराकरण कराएं। आईजी ने आशा व्‍यक्‍त की अगर महकमे के सभी अधिकारी एक-एक स्‍कूल को गोद ले लेंगे तो निश्‍चित रूप से प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार आएगा।

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