शहीदों के परिवारों को अब आईएएस ऑफिसर्स गोद लेंगे। शहीद के इलाके में तैनात आईएएस ऑफिसर उसके घर जाएगा। उसे मिलने वाली पेंशन, ग्रेच्युटी, नौकरी या पेट्रोल पंप अलॉटमेंट जैसी जरूरताें में उनकी मदद करेगा। हालांकि, उन्हें ऑफिसर की ओर से सीधेतौर पर पैसों की कोई मदद नहीं की जाएगी। बच्चों को एडमिशन भी करवाएंगे…
इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन के सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी ने कहा, “उनका (आईएएस ऑफिसर्स) काम है कि वो ऐसे परिवारों को संबंधित सरकारों से उनका बकाया दिलाएं। वो उनके बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने में भी मदद कर सकते हैं।”
बता दें कि यह एसोसिएशन देशभर के आईएएस ऑफिसर्स की अगुआई करती है। शुरुआती तौर पर 2012-15 की भर्ती वाले 700 यंग ऑफिसर्स को यह जिम्मेदारी दी गई है।
उनसे कहा गया है कि वो अपनी पोस्टिंग वाले इलाके के किसी एक शहीद के परिवार को गोद लें।