बिहार के हुकुम होंगे उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा के ‘इक्का’

राजनीति

राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद और मीरा की लड़ाई है मगर चर्चा बिहार की है। अब बारी उपराष्ट्रपति चुनाव की। और इस बार भी भाजपा हुकुम का चाल चलेगी जो उसे इक्का बना देगा। इसके कारण फिर बिहार राष्ट्रीय राजनीति की फलक पर छाने को तैयार है।

उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा होने के बाद एक बार फिर से सियासी गलियारों में संभावित नामों पर चर्चा शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर दी है।

मौजूदा उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है। उसके पहले 5 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव करा लिया जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने चुनाव तारीख का ऐलान करते हुए कहा कि अधिसूचना 4 जुलाई को हो जाएगी जबकि 18 जुलाई तक नामांकन दाखिल किया जा सकेगा।

उपराष्ट्रपति कौन बनेगा, इसको कयासों का दौर बढ़ गया है। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाये तो तो एनडीए का उपराष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है।

उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं लिहाजा एनडीए का आंकडा विपक्ष पर भारी पड़ने वाला है। दरअसल, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है।

उसके ऊपर सदन की कार्यवाही चलाने की भी जिम्मेदारी होती है. लिहाजा रणनीति उसी हिसाब से बनाई जा रही है। राज्यसभा के भीतर अभी भी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की ताकत ज्यादा नहीं है। राज्यसभा के भीतर सरकार अभी भी विपक्ष की तुलना में संख्या बल में काफी पीछे है।

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