बिहार राज्य के होकर, बिहार का इतिहास नहीं जानते तो शायद आपके भारत का इतिहास भी अधूरा रह जाएगा। वैसे सच कहा जाये तो, बिहार राज्य के नाम के पीछे बौध धर्म का एक पुराना संबध है। बौध धर्म के बहुत से लोग बिहार में विहार करने आते थे, इसलिए इस राज्य का नाम बिहार रख दिया गया।
आर्यभट्ट
भगवान महावीर, माता सीता, लव-कुश, गुरु गोविद सिंह, आचार्य चाणक्य, अशोक आर्यभट, और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का भी जन्मभूमि बिहार ही है।
अशोक स्तंभ
भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ एवं राष्ट्रीय ध्वज में बने चक्र अशोक के सिंह स्तंभ पर बने चक्र का है। दुनिया का सबसे पहला गणराज्य का उदय बिहार के वैशाली जिले में ही हुआ था।
बिहार का प्राचीन इतिहास
बिहार का प्राचीन इतिहास कई धर्मों से जुड़ा हुआ है। बिहार के सीतामढ़ी जिले में माता सीता का जन्म हुआ था।
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म का गहरा जुड़ाव, बिहार के गया जिला से जुड़ा है।
जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर का जन्म बिहार की राजधानी पटना (पाटलिपुत्र) में हुआ था। सिख धर्म के आखरी गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म भी बिहार के पटना साहिब में हुआ था।
शासन
अगर शासन की बात की जाये तो सम्राट अशोक का नाम सबसे ऊपर आता है। उनका शासन विश्व भर में इतना प्रसिद्ध हुआ था कि, एलेक्जेंडर(सिकंदर) ने अपने दूत मेगास्थनीज को अध्ययन करने के लिए पटना भेजा था।
प्राचीन काल में पाटलीपुत्र यानी पटना, भारत की राजधानी थी जो कि राजगीर क्षेत्र में मौर्यकाल में राजा बिंबिसार का शासन हुआ करता था।
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय
विश्व के बाकी क्षेत्रों के लोग पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते थे, उस समय बिहार के नालंदा शहर में विश्वविद्यालय हुआ करता था जिसके कुलपति प्रसिद्ध आर्यभट्ट थे। आर्यभट्ट एक बहुत बड़े गणितज्ञ और खगोल के महान वैज्ञानिक थे।