कल 11 अगस्त को है हरियाली तीज, भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा से पूरी होगी मनोकामना

कही-सुनी

सावन मास में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों का विशेष महत्व होता है। सावन के महीने में कई त्योहार तथा व्रत पड़ते हैं जिनमें सावन सोमवार , सावन अमावस्या, हरियाली तीज, नाग पंचमी और रक्षाबंधन प्रमुख हैं. इस महीने में पड़ने वाली हरियाली तीज का इंतजार हर शादीशुदा महिला को होता है. सावन महीने में आने के कारण, इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है. इस बार हरियाली तीज कल बुधवार को यानी 11 अगस्त को मनाई जाएगी. हरियाली तीज को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखती हैं. मां पार्वती और शिव जी की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं.

क्या है हरियाली तीज का महत्व?

हरियाली तीज व्रत सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन भगवान शिव और माता गौरी की पूजा की जाती है। पूजा में मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करने के बाद हरियाली तीज व्रत कथा का सुनी जाती है। हरियाली तीज को हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। ये व्रत बेहद लाभकारी और शुभफलदायी माना जाता है।

इस दिन महिलाएं बागों में झूला झूलती हैं और अपने हाथों पर मेहंदी भी रचाती हैं. हरियाली तीज की पूर्व संध्या में निभाई जाने वाली एक अनोखी रस्म को रतजगा कहते हैं. ये रात्रि में किए जाने वाला, एक प्रकार का जगराता या जागरण होता है जिसमें सभी महिलाएं रात्रि जागरण करते हुए हर्ष और उल्लास के साथ, तीज के लोकगीत और भजन गाती हैं. हिन्दू पंचांग के अनुसार रतजगा की रस्म श्रावण शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निभाई जाती है जबकि हरियाली तीज इसके अगले दिन, तृतीया तिथि को पड़ती है. आइए जानते हैं इस दिन महिलाओं को कौन से ऐसे उपाय करने चाहिए ताकि उनके जीवन में खुशहाली बनी रहे.

हरियाली तीज के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीया जरूर जलाएं. कोरोना काल में शिव मंदिर जाने की जरूरत नहीं है बल्कि घर के मंदिर में ही भगवान शिव के सामने दीप जरूर जलाएं. शाम के समय शनि देव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनि मंत्र का 108 बार जाप जरूर करें. इस दिन काले वस्त्र का दान करें. कहते हैं इससे धन की प्राप्ति होती है.

गरीब कन्याओं को भोजन करवाएं. असहाय और गरीब लोगों को खाने का सामान दान करें. अगर आपके विवाह में देरी हो रही है तो हरियली तीज के दिन शाम के समय माता गौरी के सामने 16 श्रृंगार कर, हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग के कपड़े जरूर पहन, एक घी का दीपक जलाकर बैठें. ऐसा करने से जल्द ही विवाह संबंधी समस्या दूर हो जाती है. साथ ही मन पसंद वर वधु की प्राप्ति होती होती है. वैवाहिक जीवन सुखी रहता है और पती पत्नि के बीच जीवन भर प्यार बना रहता है.

 

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