गया के प्राचीन रामशिला ठाकुरबाड़ी मंदिर में गणेशोत्सव को लेकर तैयारी कई दिनों से चल रही है। मंदिर में काफी प्राचीन भगवान गणेश की मूंगा पत्थर की भव्य मूर्ति है। यह बहुत ही दुर्लभ मूर्ति है। देश में बहुत ही कम मूंगा पत्थर का भगवान गणेश की मूर्ति देखने को मिलता है। भगवान गणेश की मूर्ति पांच फीट ऊंचा है।
सबसे बड़ी बाते ही गणपति देव का सूंड दाहिना तरफ है, जिसके कारण इन्हें सिद्धविनायक भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी पर सुबह से मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगा है, जहां भगवान गणपति की पूजा-अर्चना श्रद्धालु फल, फूल, मिष्ठान, दुभाभिषेक आदि करते है।
गणपति के मस्तक पर विराजमान हैं चंद्रमा
मंदिर के पुजारी दीपनारायण पांडेय ने कहा कि मूंगा पत्थर का गणपति देव का मूर्ति टिकारी के राजा गोपाल शरण द्वारा स्थापित कराया था।
मंदिर के गणपति देव के मूर्ति के अलावा राम दरबार, बजरंगवली आदि देव-देताओं का मूर्ति भी स्थापना राजा द्वारा किया गया था। साथ ही मंदिर का भी निर्माण किया गया था। मूंगा पत्थर का गणपति देव देश में काफी कम संख्या में है।
सबसे बड़ी बात है कि गणपति देव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान है। वहीं गणपति देव का एक दांत, चार भूंजा एवं पैर के पास पत्नी रिद्धि और सिद्धि स्थापित है।
अधिक गर्मी पड़ने पर मूर्ति से निकलता है पानी
अधिक गर्मी पड़ने पर भगवान गणेश की मूर्ति से पानी निकलता है। पुजारी का कहना है कि गर्मी में गणपति देव मूर्ति से पसीना निकला है। जिससे सूखने के लिए पंखा और कूलर इस्तेमाल में लाया जाता है।
जून-जुलाई माह में मूर्ति से पसीना निकला है। वहीं मंदिर में स्फटिक शिवलिंग में भी स्थापित है। जिसमें स्पष्ट रूप से शिव परिवार दिखाई पड़ते है।
आजाद पार्क में स्थापित होगी 12 फीट की प्रतिमा
गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्रीरामचरित्र मानस नवाहृ परायण यज्ञ समिति द्वारा शहर के आजाद पार्क में 12 फीट का गणपति देव का प्रतिमा स्थापित मंगलवार का किया जाएगा। गणेश महोत्सव को लेकर जोरों में चल रही है।
समिति के अध्यक्ष शिव कैलाश डालमिया ने कहा कि गणेश महोत्सव 19 से 28 सितंबर तक चलेगा। गणपति देव प्रत्येक दिन सौ किलो लड्ढु का भोग लगेगा।
वहीं विष्णुपद स्थित श्री लक्ष्मी वेंकेटश निलयम में गणेश उत्सव पर झांकी प्रस्तुत किया जाएगा। जबकि शहर पावरगंज मोहल्ला में गणपति देव की प्रतिमा स्थापित किया जाएगा।