गया जी में पिंडदान करने से 108 कुल, 7 पीढ़ियों का होता है उद्धार, राम-सीता और लक्ष्मण जी भी आए थे

आस्था जानकारी

बिहार का गया जिला जिसे लोग बहुत ही आदर पूर्वक ‘गया जी’ के नाम से पुकारते हैं. गया धार्मिक नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां कोने-कोने पर मंदिर मिल जाते हैं. इन मंदिरों में स्थापित मूर्तियां प्राचीन काल की ही बताए जाती हैं और सभी को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मण जी पिंडदान करने के लिए गया जी आए थे. तब से यहां पिंडदान करने की महत्ता शुरू हुई. गयाजी में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यहां देश-विदेश से भी लोग अपने पूर्वजों की मोक्ष की कामना के लिए पिंड दान करने के लिए आते हैं.

बता दें, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष के 15 दिनों को ही पितृपक्ष कहा जाता है, गरुड़ पुराण के आधार पर गया में होने वाले पिंडदान का महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि गया में भगवान राम और सीता ने पिता राजा दशरथ को पिंडदान किया था. गरुड़ पुराण में बताया गया कि यदि इस स्थान पर पितृ पक्ष में पिंडदान किया जाए तो पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्री हरि यहां पर पितृ देवता के रूप में विराजमान रहते हैं. इसीलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहा जाता है.

गया जी के इसी महत्व के कारण लाखों लोग हर साल यहां पर अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं. गयाजी में पिंडदान करने से 108 कुल का उद्धार होता है. पितृपक्ष में देश विदेश से तीर्थयात्री पिंडदान व तर्पण करने के लिए आते हैं. धार्मिक मान्यता है कि गयाजी में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है और स्वर्ग में स्थान मिलता है.

28 सितंबर से शुरू हो रहा है पितृपक्ष मेला

गया में इस वर्ष 28 सितंबर से विश्वविख्यात पितृपक्ष मेला शुरू होने जा रहा है जो 14 अक्टूबर तक चलेगा. इस पितृपक्ष मेला में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं जहां अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान व तर्पण करते हैं. पितृपक्ष मेला को लेकर जिला प्रशासन अभी से ही तैयारियों में जुट गया है. 28 सितंबर से शुरू होने वाले विश्व विख्यात पितृपक्ष मेला ऐतिहासिक हो इसको लेकर जिला प्रशासन अभी से तैयारियों में जुट गया है. डीएम त्यागराजन अपने अधिकारियों के साथ पितृपक्ष मेला की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पितृपक्ष मेला से पूर्व सारी व्यवस्था को मुकम्मल करने का भी निर्देश दिया है.

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