राजधानी पटना सहित पूरे प्रदेश में आज से आषाढ़ी नवरात्र की पूजा शुरू होगी। इसके साथ ही श्रद्धालु मां दुर्गा की आराधना में लीन हो जाएंगे।
आषाढ़ मास का नवरात्र आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होगा। इसे ग्रीष्म नवरात्र और गुप्त नवरात्र भी कहा जाता है। आषाढ़ मास में दुर्गापूजन, शक्तिपूजन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
खासकर मां कामख्या की अर्चना इस नवरात्र में विशेष तौर पर की जाती है। ज्योतिषाचार्य प्रियेन्दु प्रियदर्शी के अनुसार गुप्त नवरात्र इस बार रथयात्रा के साथ शुरू होगी। प्रतिपदा की तिथि क्षय रहने से यह नवरात्र इस बार 8 दिनों की ही होगी।
ज्योतिषाचार्य डा.राजनाथ झा के अनुसार ऋतु परिवर्तन होने पर मां दुर्गा की आराधना की जाती है। ऋतुओं के बदलने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती हैं। इस मौसम में निरोग रहने के लिए नियम और संयमपूर्वक रहकर मां शक्ति की पूजा की जाती है ताकि हमें और हमारे परिवार को रोग, शोक, दुख और दरिद्रता से मुक्ति मिले।
आचार्य प्रियदर्शी के अनुसार रविवार और रथेक योग होने से आषाढ़ी नवरात्र शुभ और मनोवांछित फलदायी है। महाष्टमी पूजा 1 जुलाई ,महानवमी 2 जुलाई और 3 जुलाई को विजयादशमी मनेगी।