गुड्स और सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद 1 जुलाई से पूरे देश के साथ ही बिहार पर भी इसका असर पड़ेगा। आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार माने जानेवाले जीएसटी का सबसे बड़ा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
यह उत्पादों एवं सेवाओं पर अभी लगनेवाले बड़ी संख्या में केंद्र और राज्यों के करों, जिनमें वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) और केंद्रीय बिक्री कर भी शामिल हैं, की जगह ले लेगा। उम्मीद की जा रही है कि जीएसटी से पूरा देश एक सिंगल कॉमन मार्केट में तब्दील हो जाएगा, जहां राज्यों की सीमाओं के आर-पार वस्तुओं एवं सेवाओं का सहज प्रवाह हो सकेगा।
अनुमान तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि इस टैक्स रिफॉर्म से देश की जीडीपी में 1.5 से 2 प्रतिशत तक की उछाल आएगी। अभी सर्विस टैक्स से मुक्त चिकित्सा एवं शिक्षा जैसी सेवाओं को जीएसटी के दायरे से भी बाहर ही रखा गया है। इसी तरह खाद्यान्न, सब्जियां, दूध जैसी वस्तुओं पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।
जानकारों का कहना है कि ‘जीएसटी बिल्कुल सहज और स्पष्ट है। इसका मकसद टैक्स भरने की अनिवार्यता सुनिश्चित कर सरकारी राजस्व बढ़ाना है। यह करों के फालतू बोझ को कम कर ग्राहकों को भी लाभ पहुंचाएगा।’ लेकिन, जीएसटी साफ तौर पर आपके मंथली बजट को कितना प्रभावित करेगा?
क्या आप कुछ ज्यादा पैसे बचा पाएंगे या उन्हीं सेवाओं के लिए आपको ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे? और हां, बैंकिंग एवं दवाओं पर जीएसटी का क्या असर होगा?
जानिए क्या होगा जीएसटी का अापके जीवन पर असर…..